Home बड़ी खबरेnews पंजाब के बच्चों में विटामिन और जिंक की कमी, 24.5 फीसदी की उम्र के साथ नहीं बढ़ रही लंबाई

पंजाब के बच्चों में विटामिन और जिंक की कमी, 24.5 फीसदी की उम्र के साथ नहीं बढ़ रही लंबाई

Vitamin and zinc deficiencies in Punjab children mean 24.5% are not growing in height.

by punjab himachal darpan

पंजाब के बच्चों में जिंक और विटामिन की कमी है। इस वजह से उम्र के साथ उनकी लंबाई नहीं बढ़ रही है, जो चिंताजनक है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

 

 

रिपोर्ट के अनुसार पांच साल के तहत 24.5 फीसदी बच्चों की आयु के साथ लंबाई नहीं बढ़ रही है, जिस कारण बौनापन एक बढ़ी समस्या बन गई है। इसी तरह 10.6% बच्चों का वजन भी लंबाई के साथ नहीं बढ़ रहा है। पिछले कुछ समय से कुपोषण की समस्या गंभीर रूप धारण करती जा रही है।

रिपोर्ट के अनुसार एक से चार साल तक के बच्चों के सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। 17.2% बच्चों में विटामिन ए और 52.1% बच्चों में विटामिन डी की कमी पाई गई है। इसी तरह 21% बच्चों में जिंक की कमी भी सामने आई है। इसी तरह कम आयरन भी एक बड़ी समस्या है, जो बच्चों के विकास में बाधा बन रहा है। इस कारण बच्चों की लंबाई और वजन उम्र के साथ नहीं बढ़ पा रहा है। उम्र के हिसाब से कम वजन वाले बच्चे, उम्र के हिसाब से मानक वजन वाले बच्चों की तुलना में विभिन्न संक्रमणों के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसी तरह आयु के साथ कम वजन की समस्या भी बच्चों में आम है, जिसका 16.9% बच्चे शिकार हैं। प्रदेश में कम वजन ही समस्या बच्चों में ज्यादा हैं, जबकि अधिक वजन की समस्या इतनी नहीं है। सिर्फ 4.1 बच्चों में ही लंबाई के साथ अधिक वजन की समस्या है।

बच्चों के वजन और लंबाई के तय मानक

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार 1 साल के लड़के का वजन लगभग 9.6 किलो और लड़की का 8.9 किलो होना चाहिए। 2 साल के बच्चों के लिए लड़कों का वजन 12.3 किलो और लड़कियों का 11.8 किलो हो सकता है। 3साल के बच्चों में लड़कों का वजन 14.6 किलो और लड़कियों का 14.1 किलो तक होना चाहिए। चार साल तक के लड़के का वजन 16.3 किलो और लड़की का 15.8 किलो व पांच साल तक के लडके का 18.3 किलो और लड़की का 18.2 किलो हो सकता है।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिया जा रहा आहार

सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग की तरफ से आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को नमकीन दलिया, मीठा दलिया, मुरमुरे और खिचड़ी दी जाती है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार विशेष अभियान चला रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं को पंजीरी भी दी जाती है।

बच्चों के विकास न होने के प्रमुख कारण

बच्चों को पर्याप्त ऊर्जा, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व नहीं मिलना।

अगर बच्चे का आहार केवल एक ही खाद्य समूह तक सीमित है या उसे पर्याप्त मात्रा में विभिन्न खाद्य पदार्थ नहीं मिल रहे हैं, तो पोषक तत्वों का असंतुलन हो सकता है।

पाचन संबंधी समस्याएं पोषक तत्वों को अवशोषित करने में बाधा डाल सकती हैं, जिससे वजन नहीं बढ़ता।

हृदय रोग, किडनी रोग, या अन्य पुरानी बीमारियां बच्चे के शरीर की अतिरिक्त कैलोरी की मांग को बढ़ा सकती हैं।

You may also like