सप्तमी पर कांगड़ा जिले के शक्तिपीठों में करीब 25,800 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। ज्वालामुखी मंदिर में 16,000, श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में 5,000 और बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में 4,800 भक्तों ने दर्शन किए। सप्तमी पर ज्वालामुखी मंदिर 24 घंटे श्रद्धालुओं के लिए खुला रहा। अष्टमी और नवमी पर भी 24 घंटे खुला रहेगा, ताकि श्रद्धालुओं को दिन-रात दर्शन की सुविधा मिल सके।
छठे नवरात्रे के दिन ज्वालामुखी मंदिर में 8.14 लाख रुपये का चढ़ावा अर्पित किया गया। मंदिर अधिकारी मनोहर लाल शर्मा ने बताया कि बीते छह दिनों में मंदिर में करीब 70 लाख रुपये का चढ़ावा चढ़ा है। ज्वालामुखी पुजारी धीरज शर्मा ने बताया सोमवार को नवरात्रों का सातवां दिन रहा, इस दौरान कालरात्रि की पूजा कार भोग प्रसाद लगाया जाता है।
कांगड़ा बज्रेश्वरी मंदिर में छठे दिन 4.87 लाख रुपये का चढ़ावा चढ़ा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में पंक्तिबद्ध दर्शन का इंतजाम किया गया। श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के मंदिर अधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि अष्टमी की रात को मां चामुंडा का पुराना सिंदूर उतार कर नया सिंदूर अर्पित किया जाएगा। साथ ही नशीत पूजन एवं 108 प्रकार के देसी घी के व्यंजनों का भोग भक्तों में वितरित किया जाएगा।
यज्ञशाला में आचार्य बालक राम की अगुवाई में 51 विद्वान पंडित और 15 सहायक पंडित रामायण पाठ, गायत्री पाठ, रुद्राभिषेक और शतचंडी पाठ कर रहे हैं। विजयदशमी के दिन ठीक 12ः00 बजे पूर्णाहुति होगी, जिससे शारदीय नवरात्र महोत्सव का समापन होगा।