हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के कोटला बड़ोग में 100 बिस्तरों वाले अत्याधुनिक नशा मुक्ति केंद्र के निर्माण की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इसके लिए 5.34 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसके अलावा मंडी, लाहौल-स्पीति, चंबा, सोलन और सिरमौर जिलों में पांच नए नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। दीर्घकालिक तैयारी के लिए राज्य सरकार नीति आयोग, पीजीआई और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर नशा निवारण एवं पुनर्वास के लिए कार्ययोजना तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नशीली ब्दवाओं के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने और नशे की लत से प्रभावित युवाओं को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए रणनीति अपनाई है। यह रणनीति युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने और पहले से ही नशे की लत में फंसे लोगों के पुनर्वास पर केंद्रित है।
राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में परामर्श और शीघ्र हस्तक्षेप के लिए 108 नए दिशा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां आशा कार्यकर्ताओं, चिकित्सक और मनोचिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में कुल्लू, ऊना, हमीरपुर और कांगड़ा में पुरुषों के लिए चार नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र संचालित हैं, जबकि कुल्लू जिले में रेड क्रॉस सोसायटी की ओर से महिलाओं के लिए एक अलग केंद्र संचालित किया जा रहा है। जन जागरूकता प्रयासों के तहत राष्ट्रीय नशा निवारण अभियान के तहत 5.76 लाख से अधिक लोगों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया है। इस अभियान में 5,660 गांवों और 4,332 शैक्षणिक संस्थानों को शामिल किया गया है, जिसमें किशोरों, युवाओं, महिलाओं और आम जनता पर विशेष ध्यान दिया गया है। नशीले पदार्थों के अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए सरकार उपमंडलाधिकारी के नेतृत्व में विशेष निगरानी समिति का भी गठन कर रही है। इसमें आबकारी, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे, जो संहिता संबंधी औपचारिकताओं की निगरानी करेंगे।
नशीली दवाओं की तस्करी में शामिल लोगों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास
सरकार ने हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (रोकथाम एवं नियंत्रण) विधेयक 2025 पारित किया है। इसमें नशीली दवाओं की तस्करी में शामिल लोगों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास, 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को जब्त करने सहित कठोर दंड का प्रावधान है। साथ ही हिमाचल प्रदेश मादक पदार्थ एवं नियंत्रित पदार्थ (रोकथाम, नशामुक्ति एवं पुनर्वास) विधेयक 2025 नशामुक्ति, पुनवोस, निवारक शिक्षा और आजीविका संबंधी पहलों को समर्थन देने के लिए एक राज्य कोष के व्यापार में लिप्त लोगों के लिए कठोर दंड का भी प्रावधान करता है। की स्थापना करता है। साथ ही अवैध नशीली दवाओं के व्यापार में लिप्त लोगों के लिए कठोर दंड का भी प्रावधान करता है।