जनजातीय क्षेत्र पांगी के संवेदनशील जंगलों में अवैध कटान और शिकार की निगरानी अब ट्रैप कैमरों से होगी। इसके लिए विभाग ने 6 जंगलों में करीब दस कैमरे स्थापित कर दिए हैं। इन कैमरों को उंचे पेड़ों और चट्टानों पर लगाया गया है ताकि जंगल में होने वाली हरेक गतिविधि पर नजर रखी जा सके। हर 15 दिन के बाद विभागीय टीम जंगल में जाकर कैमरों की फुटेज की जांच करेगी। इसमें यदि कोई अज्ञात व्यक्ति जंगल में घूमता हुआ पाया गया या संदिग्ध गतिविधि करते दिखा तो उससे विभाग गहनता से पूछताछ करेगा।
सर्दी के मौसम में जंगलों में अवैध शिकार और कटान की संभावना भी बढ़ जाती है। इसी बात को ध्यान में रखकर विभाग ने यह व्यवस्था की है। ये ट्रैप कैमरे सैली, कालाटोप, पुंटो, काबन, छोटा बंबन और बड़ा बंबन जंगल में लगाए गए हैं। विभाग ने संबंधित वन रक्षकों को भी वहां नियमित गश्त करने के निर्देश दिए हैं। कैमरों की भूमिका रात के अंधेरे में अहम होगी। कैमरों के सामने से रात को कोई जानवर या व्यक्ति गुजरेगा तो उसकी तस्वीर कैद हो जाएगी। इससे विभाग को वन तस्करों को पकड़ने में काफी आसानी रहेगी। इससे जंगल में विचरण करने वाली वन्य प्रजाति के बारे में भी विभाग को जानकारी हासिल होगी।