Home बड़ी खबरेnews खतरे में धड़कन पंजाब दी, हार्ट अटैक से हो रहीं 35 प्रतिशत मौतें; युवाओं में भी बढ़ रहा खतरा

खतरे में धड़कन पंजाब दी, हार्ट अटैक से हो रहीं 35 प्रतिशत मौतें; युवाओं में भी बढ़ रहा खतरा

Punjab's heartbeat is in danger, with heart attacks accounting for 35% of deaths; the risk is also increasing among young people.

by punjab himachal darpan

पंजाब की धड़कन खतरे में है। लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है। पहले 50 या 60 की उम्र के लोगों में हृदय रोग व हृदयघात के मामले सामने आते थे लेकिन अब युवाओं में भी ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार सूबे में 35 प्रतिशत मौतें हृदयघात या दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों के कारण हो रहीं हैं।

 

 

मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, तनाव, गलत खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और धूम्रपान भी युवाओं में हृदयघात के मामले बढ़ने का प्रमुख कारण माना जा रहा है। वहीं, पंजाब सरकार जिम करते हुए या खेलते हुए हृदयघात के कारणों का पता लगाने के लिए एक अध्ययन करवा रही है ताकि इन मामलों को कम के लिए उचित कदम उठाए जा सकें। साथ ही सरकार ने एक एडवाइजरी भी जारी की है ताकि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा सके।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग की वर्ष 2017 की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज भी घातक रूप धारण करती जा रही है। इस कारण 15 से 39 वर्ष की आयु वर्ग में सबसे अधिक 21.7 प्रतिशत लोगों की मौत हो रही है जबकि 40 से 69 वर्ग में इस रोग से 44.2 प्रतिशत लोगों की जान जा रही है। 70 से ऊपर आयु वर्ग में भी यह सबसे अधिक मौतों का कारण बन रहा है जो 46.6 फीसदी है।

 

हाल ही बीएम बिरला हार्ट हॉस्पिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल और पंजाब में 35 प्रतिशत से अधिक मौतें हृदय रोग के कारण हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर चार में से एक मौत हृदय रोग के कारण होती है। हृदय रोग से संबंधित ज्यादातर मौतें समय से पहले होती हैं और सही उपायों से इन्हें रोका जा सकता है। महिलाओं, बच्चों और युवाओं पर हृदय रोग का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। शुरुआती पहचान और जीवनशैली में बदलाव करके दिल के दौरे के मामलों को रोका जा सकते हैं। पंजाब सरकार ने हृदयघात से लोगों को बचाने के लिए मोहाली व लुधियाना में सफलता के बाद स्टेमी परियोजना भी लागू की है जिसके तहत 23 जिलों के सभी जिला और उपमंडल अस्पतालों को दिल के दौरे की स्थिति के दौरान मरीज की जान बचाने के लिए तुरंत कलाट बस्टर ड्रग टैनैकटेपलेस का टीका मुफ्त लगाया जाता है। इस टीके की कीमत 30 हजार रुपये है। एस्टी-सैगमेंट एलीवेटिड मायोकार्डियल इन्फाॅर्कशन (स्टैमी) दिल के दौरे की सबसे गंभीर किस्म है जिसमें मरीजों को उसी समय पर इलाज की जरूरत होती है।

पंजाब में हृदयघात के प्रमुख कारण

-शारीरिक गतिविधियों में कमी, बदलती जीवनशैली में घंटों तक बैठे रहना और मोटापे से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।

-गलत खान-पान, वसायुक्त भोजन, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का अत्यधिक सेवन हृदय की धमनियों में प्लाक जमा करता है जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है।

-लोगों में बढ़ता तनाव और हर समय चिंतित रहना हृदय के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है।

-उच्च रक्तचाप हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है। यह हृदय पर दबाव बढ़ाता है।

-मधुमेह हृदय रोग के खतरे को काफी बढ़ा देता है। यह अन्य बीमारियों के साथ मिलकर हृदय पर असर डालता है।

-धूम्रपान और नशीली दवाओं का सेवन हृदय के लिए बेहद हानिकारक हैं और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ाती हैं।

-आनुवंशिक कारणों से भी लोगों में हृदय रोग का खतरा रहता है। ऐसे लोगों को किसी भी तरह के व्यायाम करने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

-खानपान में मिलावट और केमिकल उपयोग का बढ़ता खतरा भी बीमारियों को बढ़ा रहा है।

-पर्याप्त नींद न लेना भी स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।

व्यायाम से पहले विशेषज्ञों से सलाह जरूरी

सरकार ने हाई रिस्क मरीजों के लिए एडवाइजरी की हुई है जिनमें हार्ट अटैक का सबसे अधिक खतरा है। एडवाइजरी के अनुसार उच्च जोखिम वाले लोगों को व्यायाम से पहले विशेषज्ञों से सलाह और स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए।

इन लोगों को उच्च जोखिम में किया शामिल

-सीने में दर्द, सांस फूलना, चक्कर, बेहोशी या धड़कन की शिकायत।

-अनियंत्रित बीपी, डायबिटीज या किडनी रोग।

-हृदय रोग का इतिहास (दिल का दौरा, एंजाइमा, अनियमित धड़कन, बचपन से हृदय रोग)।

-लकवा (पैरालिसिस स्ट्रोक) का इतिहास।

-पिछले तीन महीने के दौरान अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज।

-नस में खून के थक्के (डीप वेन थ्रोम्बोसिस) का इतिहास।

-असामान्य ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम या पॉजिटिव टीएमटी।

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