नवरात्र में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है, जिसे महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी भी कहा जाता है। इस तिथि को इसलिए खास माना जाता है, क्योंकि इसे माता महागौरी की पूजा और चंड-मुंड नामक दानवों के संहार से जोड़ा गया है।
इस साल 30 सितंबर को दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। क्षेत्र के ज्योतिष आचार्य चंद्र शर्मा ने बताया कि अष्टमी के दिन माता महागौरी की आराधना की जाती है। मां मातृत्व, आशीर्वाद और आध्यात्मिक शक्ति देने वाली देवी मानी जाती हैं। इनकी पूजा से भक्त भय और संकट से मुक्ति पाते हैं।
माता को अन्नपूर्णा भी कहा जाता है, इसलिए इस दिन कन्याओं को भोजन करवा कर उनका सम्मान किया जाता है। मान्यता है कि अष्टमी तिथि को माता महागौरी की विधिपूर्वक पूजा करने से भक्तों को अनेक प्रकार के आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर को शाम 4 बजकर 32 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 30 सितंबर को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर होगा