शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब की जेलों में बंद कैदियों और हवालातियों के साथ मिलने की अनुमति देने के मामले में पंजाब सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने शुक्रवार को हरसिमरत कौर बादल और गनीव कौर के साथ नाभा की नई जिला जेल में बंद पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से मुलाकात की।
सुखबीर बादल ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि एक दलित महिला से छेड़छाड़ के आरोप में बंद आप विधायक और फर्जी मुठभेड़ों के दोषी पुलिस अधिकारियों को बिना प्रतिबंध के सभी से मिलने की अनुमति दी जा रही जबकि मजीठिया जो सिर्फ विचाराधीन कैदी हैं, उनसे मिलने में अड़चनें पैदा की जा रही हैं।
बादल ने कहा कि आज तीन महीने बाद मजीठिया के परिवार के सदस्यों को उनसे जेल में स्वतंत्र रूप से मिलने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी से जुड़े दोषियों पर कोई नियम लागू नही होता है और मजीठिया के मामले में उनकी पत्नी गनीव कौर और बहन हरसिमरत कौर बादल को केवल एक बार ही मिलने की अनुमति दी गई। जबकि अकाली नेता के वकील को तीन महीने में सिर्फ दो बार मुलाकात करने की अनुमति दी गई।
मजीठिया की हालत के बारे बोलते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि वह चड़दी कला में हैं। उन्होने कहा कि वे ऐसा इसीलिए कह रहे हैं क्योंकि जो लोग सोचते हैं कि मजीठिया को झूठे मामले में फंसाकर उनकी हिम्मत और इच्छाशक्ति को तोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मजीठिया अकाली परंपरा के अनुरूप अत्याचार का बहादुरी से मुकाबला करने से सौ गुना ज्यादा मजबूत हो गए हैं। बादल ने कहा कि सरकार के पिटठू बनकर कानून तोड़ने वाले पुलिस अधिकारियों के बारे में कहा कि 2027 में आप के सत्ता से बाहर होने पर उन्हें इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।