Home बड़ी खबरेnews बूटा सिंह युद्ध में जख्मी: रूसी सेना ने बंकर बनाने की बात कह भर्ती किया, फिर बंदूक थमा दी; सदमे में परिवार

बूटा सिंह युद्ध में जख्मी: रूसी सेना ने बंकर बनाने की बात कह भर्ती किया, फिर बंदूक थमा दी; सदमे में परिवार

Buta Singh injured in battle: Russian army recruits him on the pretext of building a bunker, then hands him a gun; family in shock

by punjab himachal darpan

मोगा जिले के गांव चक कनियां कलां का 25 वर्षीय नौजवान बूटा सिंह पिछले साल स्टूडेंट वीजा पर मास्को गया था। वहां रूसी सेना ने उसे धोखे से युद्ध के मैदान में भेज दिया। बूटा सिंह के साथ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के 14 अन्य युवक भी थे। सभी युवकों को पैसों का लालच देकर बिना किसी सैन्य प्रशिक्षण के ही सेना में भर्ती कर लिया गया।

जानकारी के अनुसार, बूटा सिंह 24 अक्तूबर 2024 को मास्को गया था। 18 अगस्त को उसे रूसी फौज ने पकड़ कर सेना के कैंप में बंदी बना लिया। कुछ दिन पहले सभी युवकों को रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में भेज दिया गया। इसी दौरान ग्रेनेड हमले में सभी युवक अपनी जान गंवा बैठे, जबकि बूटा सिंह किसी तरह 6 किलोमीटर पैदल चलकर अपनी जान बचाने में सफल रहा। फिलहाल बूटा सिंह रूसी सेना के अस्पताल में भर्ती है। उसने वीडियो कॉल के जरिए अपने परिवार से बात कर पूरी घटना की जानकारी दी।

दस दिन की दी गई ट्रेनिंग

बूटा सिंह ने अपने परिवार को बताया कि रूसी सेना ने 10 दिन की मामूली ट्रेनिंग के बाद उन्हें युद्ध के मैदान में भेज दिया। उन्हें 20 लाख रुपये और रूस के पक्की नागरिकता के कॉन्ट्रैक्ट में जबरदस्ती साइन करवाया गया।

 

पहले कहा गया था कि उन्हें बंकर बनाने का काम करना होगा, लेकिन मौके पर बंदूकें थमा दी गईं। बूटा सिंह ने बताया कि 18 अगस्त को उसे सेना ने पकड़कर कैंप में बंदी बना लिया और कुछ दिन पहले 15 अन्य भारतीय युवकों के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध में भेज दिया गया। युद्ध के दौरान ड्रोन से हुए ग्रेनेड हमले में उसके साथ गए सभी युवक मारे गए जबकि वह घायल अवस्था में 6–7 किलोमीटर पैदल चलकर किसी तरह बच निकला। वर्तमान में बूटा सिंह रूसी सेना के अस्पताल में भर्ती है

बूटा सिंह ने भारत सरकार से अपील की कि हमें जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए, नहीं तो हमें दोबारा युद्ध के मैदान में भेज दिया जाएगा। यहां न खाने को पर्याप्त भोजन मिल रहा है और न ही सुरक्षित रहने की कोई गारंटी है।

गरीबी दूर करने के लिए गया था मास्को

युवक की माता ने कहा कि उनका परिवार गरीबी से जूझ रहा है। परिवार की गरीबी दूर करने के लिए उन्होंने अपने बेटे बूटा सिंह को एक साल पहले विदेश भेजा था। उन्होंने कहा कि बेटा की काॅल आने के बाद से परिवार बेहद सदमे में है। पहले हमारा बेटा हमारे संपर्क में नहीं था, सिर्फ वॉयस मैसेज भेजता था। आज वीडियो कल पर बात हुई है, वहां हालत बेहत खराब है। उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि उसे भारत वापस लाया जाए।

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