उपतहसील जोल की बैरियां पंचायत में 24 वर्षीय अंशिका की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस जांच ने हैरान करने वाले तथ्य उजागर किए हैं। पुलिस रिमांड पर चल रहे आरोपी फौजी प्रवेश कुमार ने स्वीकार किया है कि उसने 23 सितंबर की रात अंशिका को बुलाकर धारदार चाकू से उसका गला रेतकर हत्या कर दी। शुक्रवार को दोनों आरोपियों चाचा और भतीजे को ऊना अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 30 सितंबर तक पुलिस की रिमांड पर भेजने के आदेश दिए गए।
पुलिस पूछताछ में प्रवेश ने बताया कि अंशिका लगातार उस पर पैसों का दबाव बना रही थी। आरोपी का एटीएम कार्ड भी अंशिका के पास था, जिसके माध्यम से उसने अब तक लगभग आठ लाख रुपये खर्च कर दिए थे। पैसों की मांग और झगड़ों के बढ़ने से परेशान होकर प्रवेश ने हत्या की योजना बनाई। जानकारी के अनुसार दोनों पहले शादीशुदा थे, लेकिन बाद में तलाक हो गया। इसके बावजूद उनके बीच रिश्ते में नजदीकियां बनी रहीं और उन्होंने कोर्ट मैरिज कर ली। प्रवेश ने यह भी स्वीकार किया कि अंशिका गर्भवती थी और बच्चा उसी का था। प्रारंभ में परिवार इस रिश्ते को स्वीकार करने में हिचकिचाया, लेकिन बाद में सहमति बन गई थी और 24 सितंबर को सामाजिक रीति-रिवाजों से शादी की तिथि तय की गई थी। डोली चढ़ने से ठीक एक दिन पहले ही अंशिका की जिंदगी बेरहमी से समाप्त कर दी गई।
जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि हत्या में इस्तेमाल चाकू सेना से प्राप्त था, जिसका प्रशिक्षण के दौरान उपयोग किया जाता है। हत्या के बाद आरोपी ने पहचान मिटाने के लिए अपनी बाइक से पेट्रोल डालकर शव को जलाने का प्रयास किया। प्रवेश के साथ उसके चाचा संजीव कुमार (सेवानिवृत्त फौजी) पर भी आरोप लगे हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वारदात के बाद चाचा संजीव कुमार आरोपी को छोड़ने जम्मू चले गए थे। उनकी हत्या में भूमिका की पुष्टि पूछताछ में ही होगी।
जहां 24 सितंबर को अंशिका की डोली निकलनी थी, वहीं अगले दिन 25 सितंबर को उसकी अर्थी उठ गई। पूरे गांव में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश और सदमे का माहौल है। ग्रामीण दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। एएसपी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और सभी साक्ष्यों को जोड़ा जा रहा है। आरोपियों को अदालत में पेश किया गया है और उन्हें 30 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।