हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में बीपीएल और अंतोदय अन्न योजना के राशनकार्ड में बड़ा फर्जीवाड़ा होने का अंदेशा है। इसमें 55,839 राशनकार्ड लाभार्थी संदेहजनक पाए गए हैं जिन पर जिला प्रशासन ने जांच बिठा दी है। चौंकाने वाला खुलासा यह है कि जिले में 92 मृत लाभार्थियों के नाम भी राशनकार्ड सूची में शामिल हैं। यह राशनकार्ड बीपीएल, अंतोदय अन्न योजना और प्राथमिकता घरेलू के हैं हैं।
उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में बुधवार को बचत भवन में हुई जिला स्तरीय सतर्कता समिति और सार्वजनिक वितरण समिति की समीक्षा बैठक में यह रिपोर्ट पेश की गई। खाद्य आपूर्ति विभाग के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से इन लाभार्थियों की सूची जिला प्रशासन को सौंपी है। अब इनकी जांच की जा रही है। इसमें जो अपात्र होंगे उन्हें सूची से बाहर किया जाएगा। कई लाभार्थी बाहर कर भी दिए हैं।
इसमें जिन लाभार्थियों पर जांच बिठाई है उनमें 591 राशनकार्ड मॉडयूल में 100 से अधिक आयु वाले लाभार्थी, 18 वर्ष से कम आयु के राशन कार्ड मुखिया, 4083 साइलेंट राशन कार्ड लाभार्थी, 429 डुप्लीकेट राशन कार्ड लाभार्थी शामिल हैं। इसके अलावा 43,957 लैंड होल्डिंग पीएम किसान भूमि धारक हैं जिनके पास ढाई एकड़ से ज्यादा भूमि है। 890 लाभार्थी ऐसे हैं जिनकी वार्षिक आय छह लाख रुपये से अधिक है।
13 लाभार्थी जीएसटीएन, 5613 लाभार्थी वाहन स्वामित्व वाले और 171 लाभार्थी ऐसे हैं जो कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में डायरेक्टर आदि के तौर पर पंजीकृत हैं। बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। इसके तहत जिले में 66,230 परिवार और 2,69,425 जनसंख्या का चयन किया जा चुका है। गौरतलब है कि जिले में बीपीएल और एपीएल परिवारों को डिपो के माध्यम से लोगों को सस्ता राशन मुहैया करवाया जाता है।
इसमें लोगों को बाजार से काफी कीमत पर राशन मुहैया करवाया जाता है लेकिन कुछ लोगों ने गलत तरीके से भी राशनकार्ड बना रखे हैं। अब जांच में यह साफ होगा। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त दिव्यांशु सिंघल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कानून एवं व्यवस्था पंकज शर्मा, जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले नरेंद्र धीमान सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
सभी एसडीएम करेंगे मिड-डे मील का निरीक्षण
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने निर्देश दिए कि सभी एसडीएम को महीने में कम से कम पांच सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील का निरीक्षण करना होगा। इसमें खाने की गुणवत्ता, बच्चों के बैठने की व्यवस्था, किचन में सफाई व्यवस्था, अन्य व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण करना शामिल रहेगा। इसकी रिपोर्ट जिलाधीश कार्यालय को देनी होगी। उपायुक्त ने कहा कि बच्चों को स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण मिड डे मील मुहैया करवाना सरकार की प्राथमिकता है।
12 दुकानों में मिली गड़बड़ी, लगा जुर्माना
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिले में 623 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हो रही हैं। इनमें 347 सहकारी सभाएं, 229 व्यक्तिगत, 2 महिला मंडल, 4 पंचायतों और 41 हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम की ओर से संचालित की जा रही हैं। जिले में जून 2025 से अगस्त 2025 तक 1257 निरीक्षण किए गए जिनमें 12 दुकानों में अनियमितताएं पाई गई और 20,250 रुपये जुर्माना वसूल किया गया। बैठक में जिला शिमला में उचित मूल्य की दुकानों में थोक गोदामों से बिलों को अस्वीकृत करने, दुकानों के सामाजिक अंकेक्षण, विकास खंड बसंतपुर में निगम का थोक गोदाम खोलने, विकास खंड चौपाल के गांव रावतन में उचित मूल्य दुकान खोलने को मंजूरी प्रदान की गई। रामपुर के गांव परांदली वार्ड 3 में उचित मूल्य की दुकान, विकास खंड छौहारा के तहत गांव मंघारा वार्ड-4 में, जुब्बल खंड के मंडोल वार्ड-2 में, कोटखाई खंड के देवगढ़ में, नारकंडा के गांव बटाड़ी और चौपाल खंड के पुलवाहल वार्ड-4 में उचित मूल्य की दुकान खोलने को मंजूरी दी गई।