विवेक शर्मा :-दिमाग की नसें खोलने या याददाश्त बढ़ाने के लिए अब आपको दवाइयां या टॉनिक की जरूरत नहीं है। डीमएआर सोलन से प्रशिक्षण लेने के बाद चायल कोटी के ग्रोवर मोहित शर्मा ने हिरेशियम मशरूम से तैयार ड्रॉर्क चॉकलेट तैयार की है। इसके सेवन से नर्वस सिस्टम नहीं बिगड़ेगा। इसके अलावा आपकी भूलने की बीमारी भी दूर होगी।
कोविड के दौरान लॉकडाउन में मशरूम न बिकने के बाद मोहित ने इस तकनीक पर काम किया। उन्हें डीएमआर के सहयोग से वर्ष 2025 में सफलता मिली। अब इसे जल्द बाजार में उतारने की तैयारी है। इसके लिए चंडीगढ़ में प्लांट भी लगा दिया है। राष्ट्रीय खुंब मेले में 30 सितंबर को इसकी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
मोहित शर्मा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2019 में मशरूम पर काम शुरू किया था। इसके लिए उन्होंने डीएमाअर से ट्रेनिंग ली। पहले उन्होंने ऑस्टर और शिटाके तैयार की। कोविड के दौरान लॉकडाउन लगने से इसका कारोबार ठप पड़ गया। वर्ष 2020 में हिरेशियम (लॉयंस मेन) मशरूम पर काम शुरू किया। शुरुआती समय में इसके लिए अच्छी मांग भी आई। लेकिन बिचौलिए मांग और मर्जी के हिसाब से इसकी खरीद करते थे। इससे कई बार मांग न होने पर मशरूम खराब हो जाती थी। इसके बाद उन्होंने इस मशरूम का पाउडर तैयार करना शुरू किया। इस बीच चॉकलेट बनाने की सोची और इस पर काम शुरू कर दिया। इसमें अब जाकर उन्हें सफलता हासिल मिली है।
उन्होंने कहा कि हिरेशियम प्रजाति की मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें बिटागम ग्लॉकन, साइकेन और हरेशीमॉन तत्व पाया जाता है। यह दिमाग की नसों के लिए फायदेमंद है। इससे इंसान की सोचने की शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा इसमें विटामिन-डी भी भरपूर मात्रा है, जो हड्डियों को मजबूत बनाती है। जल्द इस डॉर्क चॉकलेट को बाजार में उतारा जाएगा। इसके तैयारी पूर्ण कर ली हैं। डीएमआर सोलन के निदेशक वीपी शर्मा ने मोहित शर्मा को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि निदेशालय की ओर से ग्रोवरों को मशरूम उगाने के साथ उसकी मार्किंट करने के लिए जानकारी दी जाती है। हिरेशियम प्रजाति की मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर है।