शिमला शहरवासियों के लिए राहत भरी खबर है। राजधानी में 24 घंटे पानी देने के लिए तैयार की गई प्रदेश की सबसे बड़ी सतलुज पेयजल योजना की टेस्टिंग शुरू हो गई है। पंपिंग स्टेशनों, टैंकों और पेयजल लाइनों की टेस्टिंग ठीक रही तो नवंबर में ही सतलुज का पानी शिमला पहुंच जाएगा। इस साल के अंत तक इस योजना से शहर को रोजाना 15 एमएलडी पानी देने की तैयारी है। इससे शहर में पानी का संकट हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। पेयजल कंपनी ने सोमवार को पहले नवरात्र के मौके पर शकरोड़ी में इस योजना की टेस्टिंग शुरू की।
कंपनी के प्रबंध निदेशक वीरेंद्र सिंह ठाकुर और महाप्रबंधक राजेश कश्यप की मौजूदगी में सुबह के समय सबसे पहले मौके पर पूजा और हवन किया गया। इसके बाद भूमिगत बने जैकवेल पंपिंग स्टेशन से सतलुज नदी का पानी योजना के पीएसटी टैंकों में भरना शुरू किया गया। कंपनी के अनुसार अगले दस दिन तक यहां बने सभी टैंकों की टेस्टिंग की जाएगी। पानी को साफ करने से लेकर दूसरे टैंकों में इसकी आपूर्ति की जाएगी। पेयजल कंपनी के प्रबंध निदेशक वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि नवरात्र के दौरान ही शकरोड़ी पंपिंग स्टेशन से दवाडा स्टेशन तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
नवंबर से इसका पानी शिमला पहुंचाने का प्रयास है। नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान ने सोमवार को कंपनी से इस योजना की टेस्टिंग को लेकर रिपोर्ट ली। उन्होंने कहा कि बुधवार को वह खुद भी मौके पर जाकर इसका जायजा लेंगे। बीते हफ्ते ही महापौर ने मौके पर जाकर इस योजना के लिए बिजली आपूर्ति शुरू करवाई थी। इसके बाद अब इसकी टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। इस मौके पर कंपनी के एजीएम दिनेश भारद्वाज, आदर्श भौटा, विनोद नेगी, सहायक अभियंता रंजीव शर्मा, उमेश सूद, कनिष्ठ अभियंता पुष्पराज और प्रवीण कुमार भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि शिमला शहर में बरसात के मौसम में गाद आने और गर्मी में जलस्तर घटने के कारण अक्सर जलसंकट गहराया रहता है। सतलुज पेयजल योजना के शुरू होने के बाद लोगों को जलसंकट से पूरी तरह राहत मिल जाएगी। लोगों को इस योजना के शुरू होने का वर्षों से इंतजार है। अब योजना के जल्द शुरू होने की उम्मीद है। बरसात के मौसम में इस बार भी लोगों को कई बार पांचवें दिन पानी आपूर्ति मिली है। लोग अरसे से इस समस्या के समाधान की मांग कर रहे थे।
परियोजना की खासियत
सतलुज पेयजल योजना से शहर को मिलेगा 66 एमएलडी पानी, इस साल 15, अगले साल से होगी 42 एमएलडी की आपूर्ति
शकरोड़ी से शिमला तक बिछी 22 किमी पाइप से पहुंचेगा पानी
योजना के तहत शकरोड़ी, दवाडा, डूम्मी में बने हैं पंपिंग स्टेशन
370 करोड़ रुपये से तैयार हुई है यह पेयजल योजना
योजना का जायजा लेने मौके पर जाएंगे मेयर
तो बंद हो सकती हैं छोटी योजनाएं
शिमला। शहर को सतलुज से पानी की आपूर्ति शुरू होने के बाद वर्तमान की छोटी पेयजल योजनाएं बंद की जा सकती है। शहर में अभी गिरि गुम्मा के अलावा कोटी ब्रांडी, चुरट और चैड से भी पीने की पानी की आपूर्ति होती है। चुरट और चैड छोटी योजनाएं हैं जिनसे एक से तीन एमएलडी तक पानी शहर को मिलता है। इनमें बिजली की खपत और शहर तक पेयजल आपूर्ति पहुंचाने की लागत ज्यादा है। सतलुज से पानी मिलने के बाद इन्हें बंद किया जा सकता है या फिर अन्य इलाकों में इनसे आपूर्ति शुरू की जा सकती है। अभी शिमला शहर को रोजाना पानी देने के लिए 48 से 50 एमएलडी पानी की जरूरत है। सतलुज से पानी मिलने के बाद शहर में सभी परियोजनाओं से 50 एमएलडी से अधिक पानी मिल जाएगा। इससे रोज लोगों को पानी मिलने लगेगा।