वाराणसी शहर की यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए योजना बनाई जाती है। पुलिसकर्मी भी रहते हैं। इसके बावजूद हर दिन शहर में 20 से ज्यादा एंबुलेंस जाम में फंसती हैं। वैसे तो शहर के बीच रिस्पांस टाइम अधिकतम 15 से 20 मिनट का है लेकिन जाम की वजह से कभी कभी एंबुलेंस एक से डेढ़ घंटे में अस्पताल पहुंच पाती हैं।
अमर उजाला की पड़ताल में पांच ऐसी सड़कें मिली हैं जहां से हृदय रोगी, गर्भवती महिलाएं, सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल सहित अन्य मरीज एंबुलेंस के जरिये जिला अस्पताल, बीएचयू तक ले जाए जाते हैं। इन सड़कों पर सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक सर्वाधिक जाम लगता है।
जिले में मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा के साथ ही दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, शास्त्री अस्पताल रामनगर, जिला महिला अस्पताल कबीरचौरा, एमसीएच विंग कबीरचौरा, एमसीएच विंग पांडेयपुर के साथ ही शहरी, ग्रामीण इलाकों में 64 स्वास्थ्य केंद्र हैं।
इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के लिए कभी- कभी बीएचयू भेजना पड़ता है। ज्यादातर एंबुलेंस बरेका से मंडुवाडीह-ककरमत्ता चौराहे से होकर निकलती हैं। रथयात्रा से कमच्छा होकर एंबुलेंस जाती हैं। सोमवार की दोपहर करीब 1.30 बजे इस सड़क पर पांच एंबुलेंस जाम में फंसी रहीं।
यहां अक्सर फंसती हैं एंबुलेंस
15 मिनट रिस्पांस टाइम लेकिन सात किलोमीटर की दूरी तय करने में लग जाते हैं दो घंटे
कबीरचौरा से हर दिन गर्भवती महिला, हृदय रोगी, सड़क हादसे में घायल सहित अन्य घटनाओं वाले मरीजों को लेकर एंबुलेंस जाती है। कबीरचौरा से बीएचयू तक की दूरी 7 किलोमीटर है। वैसे तो एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम 15 मिनट है लेकिन यहां तक दिन में पहुंचने में दो घंटे लग जाते हैं। महिला अस्पताल से मरीजों को लेकर जाने वाले एंबुलेंस चालक कबीरचौरा से बांसफाटक, बेनिया तिराहा होते हुए बीएचयू जाते हैं। इधर से जाने पर जाम मिलता है।