स्कूल लेक्चरर संघ ऊना के जिला प्रधान शशिपाल सैनी ने कहा कि साल 2010 से पहले टीजीटी को मुख्याध्यापक या प्रधानाचार्य पद ग्रहण करने के लिए विकल्प की व्यवस्था थी। इसके उपरांत लेक्चरर स्कूल कैडर कक्षा 11वीं और 12वीं को पढ़ाते थे लेकिन कुछ समय बाद लेक्चरर का पद हटाकर उसे पीजीटी बना दिया।
सरकार ने कई बार कक्षा नौवीं से 12वीं तक पढ़ाने की अधिसूचना जारी की लेकिन लेक्चरर के विरोध के चलते स्थिति वैसी ही रही। उन्होंने कहा कि लेक्चरर पद को डेड कैडर बना दिया गया है और उसे लेक्चरर स्कूल न्यू का नाम दिया गया है। भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार इस समय हेडमास्टर और प्रवक्ता स्कूल न्यू को 50-50 फीसदी प्रधानाचार्य पद के लिए कोटा निर्धारित किया है।
लेक्चरर संघ का कहना है कि सरकार ने 12 सितंबर की अधिसूचना जारी कर लेक्चरर को कक्षा छठी से 10वीं तक पढ़ाना अनिवार्य किया है, संघ इसे लेकर विरोध जता चुका है।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार लेक्चरर स्कूल न्यू को टीजीटी की तरह मुख्याध्यापक की प्रमोशन के लिए आनुपातिक भागीदारी के अनुसार कोटा देती है तो फिर संघ कक्षा छठी से 10वीं तक सभी जिला के प्रवक्ताओं से मशवरा कर पढ़ाने पर विचार कर सकता है। इस संबंध में सरकार को नई अधिसूचना जारी करनी होगी