मधु शर्मा बिलासपुर:-जम्मू-कश्मीर के दुर्गम इलाके डुडु-बसंतगढ़ के सेयोज धार वन में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में बलिदान हुए लांस दफादार बलदेव चंद की पार्थिव देह रविवार दोपहर उनके पैतृक गांव थेह पहुंची। गांव में मातम का माहौल था। हर कोई बलदेव की बहादुरी और बलिदान को याद कर भावुक हो उठा। बलिदानी को पत्नी शिवानी ने लाल रंग का जोड़ा (सूट) और पहनकर रोते हुए विदा किया।
जैसे ही बलिदानी की पार्थिव देह आंगन में पहुंची तो पत्नी ने बेटे ईशान से कहा कि पापा के सामने रोना नहीं है, लेकिन जैसे ही अंतिम विदाई का समय आया पत्नी और परिवार के सभी सदस्य भावुक हो उठे और जोर-जोर से रोने लगे। मां भी अपने दर्द को रोक नहीं सकीं। बिलखते हुए कहा कि मेरे लाल, एक बार तो उठ जा, छोड़कर कहीं नहीं जाना। पार्थिव देह दोपहर 2:43 बजे घर के आंगन में पहुंची। परिवार और ग्रामीणों ने उन्हें करीब 27 मिनट तक अंतिम बार देखा और श्रद्धांजलि अर्पित की। दोपहर 3:10 बजे पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए रवाना किया गया।
बेटे ने पिता को दी मुखाग्नि, अंतिम विदाई में उमड़े लोग, हर आंख नम
रविवार दोपहर को बलिदानी की पार्थिव देह डोगरा रेजिमेंट और राष्ट्रीय राइफल्स के जवान लेकर पहुंचे। शहीद के पिता सेवानिवृत्त हवलदार बिशन दास देह के आंगन में पहुंचते ही भावुक हो गए। शनिवार से ही घर पर बलिदानी के घर लोगों की भीड़ लग गई थी। बलिदानी को अंतिम विदाई देने के लिए रविवार की भी सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। सात वर्षीय बेटे को पता भी नहीं था कि उसने अपने पिता को खो दिया है।
जैसे ही पार्थिव देह आंगन में पहुंची वो पिता के पास बिल्कुल शांत होकर बैठ गया। बलिदानी के छोटे भाई ने पूरा दिन बलदेव के बेटे को गोद में रखा और अंतिम संस्कार के समय बेटे के हाथों से पिता को मुखाग्नि दिलाई। बलदेव चंद के अंतिम संस्कार में विधायक जीत राम कटवाल, कांग्रेस नेता विवेक कुमार, डीसी बिलासपुर राहुल कुमार, एसपी बिलासपुर संदीप धवल, एसडीएम झंडूता अर्शिया शर्मा, डीएसपी घुमारवी विशाल वर्मा सहित प्रशासनिक अधिकारी और नेता मौजूद रहे