अमेरिका आज से एच-1बी वीजा के लिए नए आवेदकों से एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) शुल्क वसूलेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को व्हाइट हाउस में इस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। नए नियम आज (अमेरिकी समयानुसार) यानि 21 सिंतबर से लागू हो रहे हैं। ट्रंप सरकार के इस फैसले से प्रवासियों के बीच काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
एच-1 बी वीजा वर्ष 1990 में अमेरिकी नियोक्ताओं को योग्य अमेरिकी श्रमिकों की अनुपलब्धता के समय कौशल की कमी को दूर करने में सहायता करने के लिए शुरू किया गया था। अक्तूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच अमेरिका द्वारा जारी एच-1बी वीजा में लगभग 72.3 फीसदी वीजा भारतीय नागरिकों को मिले। इसमें पंजाब व हरियाणा की तादाद 30 फीसदी थी। ऐसे में अब पंजाब के प्रोफेसनल्स पर इस फैसला का गहरा असर पड़ेगा। अमेरिका वीजा एक्सपर्ट पूजा सचदेवा का कहना है कि फीस में जितनी बढ़ोतरी अचानक की गई है, इसका असर गहराई तक होगा। हालांकि वीजा की संख्या में कुछ गिरावट आई है। 2024-25 में भारत से अप्रूवल की संख्या पहले की तुलना में कम हुई है। गैर-आप्रवासी वीजा पर्यटन, व्यवसाय, कार्य, अध्ययन या चिकित्सा उपचार जैसे उद्देश्यों के लिए अमेरिका में अस्थायी प्रवेश की अनुमति देता है। एच-1बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और आईटी (उच्च कौशल तथा न्यून स्नातक की डिग्री) जैसी विशिष्ट नौकरियों के लिए विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने तथा रोजगार देने की अनुमति देता है।