कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर सनवारा टोल पर हाईकोर्ट के आदेशों के बाद वसूली बंद हो गई है। शनिवार को टोल के बैरियर (बूम) उठा दिए गए। इसके बाद से वाहन चालकों का सफल फ्री हो गया है। इससे पहले वाहनों को यहां से निकलने पर टोल अदा करना पड़ता था, लेकिन सड़क की खराब हालत को देते हुए अदालत ने सख्ती की है। इससे लोगों को फायदा हो गया है।
गौर रहे कि कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर वर्ष 2021 से टोल वसूली की जा रही है। इससे हाईवे पर सफर महंगा हो गया था। लोगों को टोल देने के बाद भी बेहतर फोरलेन व्यवस्था नहीं मिल रही थी। पहले चरण परवाणू से सोलन तक बने फोरलेन की हालत काफी खराब है। चक्कीमोड़ में दो वर्षों से सड़क ठीक नहीं हो पाई है। इसके अलावा जैसे ही बरसात में बारिश होती है वैसे ही पहाड़ियां दरकनी शुरू हो जाती है। इससे वाहन चालकों पर संकट मंडराता रहता है। बारिश में वाहन चालकों का सफर तक जोखिम भरा हो जाता है और डर के साये में लोग सफर करते हैं।
रोजाना सड़क से 12 से 15 हजार वाहनों की आवाजाही होती है और लाखों रुपये में टोल एकत्र होता है, लेकिन सड़क की हालत देखकर ऐसा लगता है कि मेंटेनेंस नहीं करवाई जा रही है। बीते दिनों हाईकोर्ट ने यह फैसला एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद टोल वसूली 30 अक्तूबर तक बंद करने का फैसला सुनाया। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क की हालत सुधारने के लिए कहा।
2023 में भी टोल पर उपायुक्त ने लगाई थी रोक
साल 2023 में हुई बरसात के दौरान भी उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने टोल वसूली बंद करवाई थी। इस दौरान सड़क की हालत काफी खराब थी। बारिश से चक्कीमोड़ में सड़क भी पूरी तरह से ढह गई थी। इसके बाद पंचायतों का प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मिलकर टोल टैक्स बंद करवाने का आग्रह किया था। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना था कि जब सड़क की हालत ठीक नहीं है तो टोल क्यों लिया जा रहा है। इसके बाद उपायुक्त ने टोल वसूली पर रोक लगाई थी