भारी बरसात में आई आपदा पर अध्ययन के लिए केंद्र सरकार की ओर से गठित विशेषज्ञों की टीम जल्दी ही फिर हिमाचल प्रदेश आएगी। इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे और आईआईटी इंदौर के भूविज्ञानी और विशेषज्ञ शामिल हैं।
यहां के विभिन्न स्थानों का दौरा करेगी। यह टीम इसका भी विस्तार से अध्ययन करेगी कि बिलासपुर जैसे निचले पर्वतीय क्षेत्रों में भी बादल क्यों फट रहे हैं। भवनों के निर्माण के स्थानों और तकनीक पर भी स्टडी करेगी। आपदा के कारणों और इसके समाधान पर भी एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आगामी दिनों में इस टीम के हिमाचल प्रदेश आने की पुष्टि की है। पहले वर्ष 2023 में हिमाचल प्रदेश में भयानक तबाही हुई और अब 2025 में भारी नुकसान हुआ है। तबाही के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों पर ध्यान देने के बजाय अब इस ओर भी ध्यान देने पर जोर दिया गया है कि आखिर इतने अधिक बादल फट क्यों रहे हैं। इस बार बरसात में हिमाचल प्रदेश में करीब 50 से अधिक बार बादल फटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा कहर पहले कभी नहीं टूटा। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार के सहयोग से एक एक बहु-क्षेत्रीय केंद्रीय टीम का गठन किया गया है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि यह उच्चस्तरीय टीम जल्दी ही प्राकृतिक आपदा से नुकसान के कारणों की तह तक जाएगी। यह मौसम विज्ञान के अलावा हर तरह के पहलुओं पर जांच करेगी। इस टीम की रिपोर्ट के बाद हिमाचल प्रदेश में आपदा निवारण के उपायों पर काम किया जा सकेगा।