Home बड़ी खबरेnews पंजाब की महिलाएं बच्चे पैदा करने से कर रही परहेज, प्रजनन दर गिरी; जानिए क्या है वजह

पंजाब की महिलाएं बच्चे पैदा करने से कर रही परहेज, प्रजनन दर गिरी; जानिए क्या है वजह

Punjab women are avoiding childbearing, fertility rates have fallen; find out why.

by punjab himachal darpan

बीते 10 वर्षों में पंजाब की कुल प्रजनन दर में 11.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। केंद्र सरकार की सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम स्टैटिस्टिकल रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार यह बड़ा बदलाव लोगों की बदलती जीवनशैली के कारण आया है। पंजाब में वर्ष 2011-13 के दौरान कुल प्रजनन दर 1.7 थी जो 2021-23 में कम होकर 1.5 हो गई है। यह राष्ट्रीय दर से भी कम है। अगर ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो 2011-13 में यह प्रजनन दर 1.8 थी जो 2023 में घटकर 1.6 रह गई है। इसमें भी 11.1 प्रतिशत की गिरावट पाई गई है। इसी तरह प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में यह दर 1.6 से कम होकर 1.4 हो गई है जो 12.5 प्रतिशत की कमी दर्शाता है।

 

 

 

आदर्श प्रजनन दर 2.1 मानी जाती है जो जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए पर्याप्त है। हालांकि कुछ विकसित देशों में यह 2.1 से कम है और उनकी जनसंख्या घट रही है। वहीं कुछ देशों में उच्च जन्म दर के कारण जनसंख्या बढ़ रही है। राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रजनन दर में पहले से कमी आई है। वर्ष 2011-13 में 2.4 थी जो वर्ष 2021-23 में 2.0 हो गई है।

कामकाजी महिलाओं की बढ़ रही संख्या

प्रदेश में अब कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जिसका असर प्रजनन दर पर भी पड़ रहा है। अब 14 आयु वर्ग तक में महिलाओं की जनसंख्या का प्रतिशत गिर रहा है। वर्ष 2013 में यह 22.1 प्रतिशत था, जो 2023 में कम होकर 19.1 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह 15 से 59 आयु वर्ग में महिलाओं की जनसंख्या का प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2013 में इस आयु वर्ग में महिलाओं का प्रतिशत 66.4 प्रतिशत था, जो 2023 में बढ़कर 68.8 प्रतिशत हो गया है। इसी आयु वर्ग में कामकाजी महिलाएं शामिल हैं।

 

बुजुर्गों की जनसंख्या में बढ़ोतरी

प्रदेश में बुजुर्गों की जनसंख्या बढ़ रही है। वर्ष 2013 में सूबे की कुल जनसंख्या में 60 व उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों की जनसंख्या 10.6 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2023 में बढ़कर 11.6 फीसदी हो गई है। अगर इसमें महिलाओं की बात की जाए तो उनका प्रतिशत 2013 के 11.5 से फीसदी से बढ़कर 12.1 हो गया है। इसी तरह पुरुष वर्ग में भी बुजुर्गों की जनसंख्या के प्रतिशत में 1.3 की बढ़ोतरी हुई है, जो 9.8 फीसदी से बढ़कर 11.1 हो गया है।

 

कुल प्रजनन दर में कमी के प्रमुख कारण

शहरीकरण, महिलाओं की शिक्षा और कार्यबल में भागीदारी में बढ़ोतरी।

बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण में बढ़ती लागत

परिवार नियोजन कार्यक्रमों की पहुंच और छोटे परिवारों का बढ़ता चलन।

 

पंजाब में लोगों की जीवनशैली में बदलाव आ रहा है। साथ ही सोच भी बदल रही है। अब लोग पहले जैसे नहीं सोचते हैं कि अधिक बच्चे होने से कमाई के स्रोत भी अधिक होंगे। उलटा अब बच्चों के खर्चे बढ़ गए हैं, जो कुल प्रजनन दर के कम होने के प्रमुख कारण हैं। – मनीषा मैनी, स्त्री रोग विशेषज्ञ

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