हिमाचल प्रदेश में बारिश का दाैर थम गया है। हालांकि, दुश्वारियां अभी बरकरार हैं। 23 सितंबर तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। राहत कार्यों ने मौसम साफ होते ही रफ्तार पकड़ ली है। 24 और 25 सितंबर को कुछ क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। शनिवार शाम तक राज्य में दो नेशनल हाईवे सहित 375 सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा 43 बिजली ट्रांसफार्मर और 145 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं।
कुल्लू में 109, मंडी 128, शिमला 25 और कांगड़ा जिले में 34 सड़कें बाधित हैं। वहीं राजधानी शिमला के हिमलैंड के पास भूस्खलन से शहर का सर्कुलर रोड रविवार को बहाल हो चुका है। मंडी-कुल्लू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार को पांच घंटे आवाजाही बाधित रही।
सुबह 9:30 से दोपहर 2:30 बजे तक दवाड़ा फ्लाईओवर की मरम्मत कार्य के चलते मार्ग को बंद रखा गया। इस दौरान हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। वाहनों को नौ मील और औट के पास रोक दिया गया। हमीरपुर में शनिवार को मौसम शुष्क बना रहा है। दिनभर धूप खिलने से लोग गर्मी से बेहाल हुए। चंबा जिले में आपदा के दौरान ठप पड़ीं व्यवस्थाओं को बहाल करने में भी विभागीय टीमों को मौसम खुलने से राहत मिली है। शनिवार को दो ट्रांसफार्मर और दो पेयजल स्कीमें बहाल हुईं। जिले में अभी भी 23 मार्ग बाधित हैं। इन मार्गों को बहाल करने के लिए मशीनरी जुटी हुई है।
ऊना जिले में शनिवार को सुबह 10 से शाम पांच बजे तक गर्मी ने लोगों को खूब परेशान किया। कई दिन बाद खिली धूप के बीच कृषि कार्यों ने भी जोर पकड़ लिया है। आलू की बिजाई में दिन भर किसान जुटे रहे। कांगड़ा में भी दिनभर मौसम साफ रहा और तेज धूप निकली।
धर्मशाला में शाम तक मौसम साफ रहा। साफ मौसम के बीच शनिवार को दिल्ली और चंडीगढ़ से गगल हवाई अड्डा के लिए सभी फ्लाइटें समय पर पहुंचीं। शिमला और भुंतर से भी हवाई उड़ाने हुईं। कुल्लू घाटी में जनजीवन को पटरी पर लाने के लिए प्रशासन के साथ संबंधित एजेंसियों ने सड़क, बिजली व पानी को सुचारु करने का काम तेज कर दिया है। कुल्लू-मनाली तीन और हाईवे-305 को दशहरा तक बसों के लिए बहाल करने का लक्ष्य रखा है। उधर, किन्नौर जिले के थाच गांव में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। एनएच पांच निगुलसरी के थाच नाले में शुक्रवार देर रात को बहाल हुआ।
मानसून सीजन में प्रदेश में अब तक 430 लोगों की गई जान
हिमाचल में इस मानसून में अब तक 4749 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। प्रदेश में 20 जून से 20 सितंबर तक 430 लोगों की जान चली गई है, 487 लोग घायल हुए हैं। 46 लोग अभी भी लापता हैं। 185 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। राज्य में 659 पक्के, 1032 कच्चे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। 2306 पक्के और 4983 कच्चे मकानों को नुकसान हुआ है।494 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। इसके अलावा 7160 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 2481 मवेशियों की माैत हो गई।