लुधियाना स्टेशन से करीब तीन दिन पहले चोरी हुए एक साल के बच्चे राज को जीआरपी ने शुक्रवार देर रात ग्यासपुरा इलाके से बरामद कर लिया है। इस मामले में जीआरपी ने अनीता नाम की महिला और उसके मुंह बोले भाई को भी काबू किया है, जो वारदात के समय महिला के साथ था।
अनीता का पति मुंबई में काम करता है और वह अपनी बेटी के साथ लुधियाना में रहती है। जीआरपी की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ साल पहले अनीता के दो जुड़वां बच्चे पैदा हुए थे, जिनकी मौत हो गई थी। वह बेटे की चाहत में काफी समय से परेशान थी। उसने जब बच्चे को खेलता देखा तो मन बना लिया कि वह बच्चे को अपने साथ घर लेकर जाएगी और उसका पालन-पोषण करेगी।
अनीता ने पुलिस को बताया कि उसने अपने भाई को जालंधर में किसी डॉक्टर को दिखाना था और वह मंगलवार रात जालंधर जाने के लिए स्टेशन आई थी। हालांकि लुधियाना से जालंधर का रास्ता महज एक घंटे का है, लेकिन वह दिन के बजाय रात को स्टेशन पर क्यों आई और उसे आधी रात को किस डॉक्टर के पास जाना था, इस बात पर संशय बरकरार है।
जीआरपी को महिला के बच्चा तस्करी गिरोह से जुड़े होने का भी शक है। यही कारण है कि इन बातों को शक के दायरे में रखकर हर एंगल से जांच की जा रही है। फिलहाल जीआरपी ने बच्चे को मेडिकल करवाने के बाद परिजनों के सुपुर्द किया है और आरोपियों को अदालत में पेश करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
यूपी से लुधियाना आई महिला का बच्चा उठाया था
यूपी के जिला फतेहपुर के गांव पलीया निवासी लालती देवी अपने बेटे संस्कार (4) और राज (1) के साथ 16 सितंबर मंगलवार की रात फतेहपुर से लुधियाना आई थी। ट्रेन से उतरने के बाद उसने अपने पति आशीष को फोन किया, लेकिन वह नाइट शिफ्ट पर ड्यूटी पर होने के कारण उनको लेने स्टेशन नहीं आ सका। वह रात ज्यादा होने के कारण बच्चों सहित बुकिंग ऑफिस के पास आकर सो गई, लेकिन जब उसकी बुधवार सुबह 6 बजे के करीब आंख खुली तो बेटा राज सिंह पास में मौजूद नहीं था।
दुकानों और चौक चौराहों के कैमरों से आरोपियों तक पहुंची जीआरपी
जीआरपी ने बुधवार सुबह 17 सितंबर को बच्चा चोरी होने की शिकायत मिलते ही मामला दर्ज करके सीसीटीवी फुटेज की जांच और बच्चे की तलाश शुरू की तो पार्किंग के पास लगे कैमरे की फुटेज में काला सूट पहने एक महिला बच्चे को उठाकर स्टेशन परिसर से बाहर जाते दिखाई दी। महिला के साथ एक व्यक्ति भी था, जो उसके पीछे चल रहा था। लुधियाना स्टेशन से बाहर जाने के बाद आरोपी महिला किस तरफ गई, यह पता पता लगाने के लिए कमिश्नरेट पुलिस के कैमरों की फुटेज जांची गई। कई ऑटो रिक्शा व अन्य वाहनों के नंबर ट्रेस किए गए और वह जिस तरफ भी गए, वहां रास्ते में पड़ते चौक चौराहों और दुकानों की फुटेज निकलवाई गई। बच्चे को लेकर आरोपी किसी दूसरे राज्य में दाखिल न हो पाएं, इसके लिए बच्चे की तस्वीर व अन्य जानकारी पड़ोसी राज्यों की पुलिस को भी भेजी गई। सीसीटीवी फुटेज की चेन बनाते हुए जीआरपी शुक्रवार देर रात आरोपियों के ठिकाने पर पहुंच गई और बच्चे को बरामद कर लिया।