भारी बारिश ने कुल्लू के सेब बागवानों की खुशियों पर पानी फेर दिया है। पौधों से समय से पहले पत्ते झड़ने और फल गिरने की वजह से न सिर्फ सेब की चमक फीकी पड़ गई है, बल्कि किसानों के चेहरे भी मुरझा गए हैं। पार्वती घाटी से लेकर बंजार और सैंज तक फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। अब बागवान इस प्राकृतिक आपदा के बीच फसल बचाने की जंग लड़ रहे हैं। असमय पतझड़ का सिलसिला जारी है। पत्ते पीले पड़ने के साथ गिर रहे हैं। जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बागवान सड़कें बंद होने के कारण तुड़ान नहीं कर पाए। वहां पौधे में तने से चोटी की ओर पत्ते गायब हैं जबकि सेब बचे हुए हैं।
सेब के पौधों में पत्ते गिरने के कारण सेब की ड्राॅपिंग भी हुई। पार्वती घाटी, बंजार की तीर्थन घाटी, सैंज के कई इलाकों में सेब की काफी अधिक ड्राॅपिंग हुई है। सेब की ड्राॅपिंग के चलते बागवानों को भी नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, समय से पहले पत्ते गिरने से सेब की गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है। सेब काला पड़ गया है। सेब की चमक पर कालापन दिखने से व्यापारी सेब कम दामों में खरीद रहे हैं। सब्जी मंडी भुंतर में अच्छी क्वालिटी का रॉयल वैरायटी का सेब 51 रुपये किलो बिका। औसत सेब 40 से 50 रुपये के बीच बिक रहा है। सब्जी मंडी बंदरोल में अच्छी गुणवता वाले सेब के बागवानों को 50 से 55 रुपये किलो के बीच दाम मिले।बागवान रोहित ठाकुर, अमर चंद, बॉबी, शेर सिंह, प्यारे लाल, सुजल ठाकुर, जितेंद्र शर्मा, लाल चंद, केहर सिंह, भीमे राम, साहिल, कैलाश ठाकुर ने कहा कि सेब के पौधों में इस बार असमय पत्ते गिरे हैं।
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सेब पौधों में बारिश से पत्ते फल निकालने से पहले ही झड़ गए। इसका सेब की गुणवत्ता पर असर पड़ा। अधिक बारिश से सेब फसल और बागवानों को हुए नुकसान का आकलन किया गया है। – राजकुमार, उप निदेशक, बागवानी विभाग
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बागवानों को करोड़ों का नुकसान
बागवानी विभाग ने जिले में 22.17 करोड़ का नुकसान आंका गया है। कुल्लू, मनाली, बंजार और आनी विधानसभा की 90 पंचायतों में सेब की फसल को नुकसान हुआ है। नाशपाती, प्लम, जापानी फल और अन्य फलों को भी क्षति हुई है। जिले में 3758 हेक्टेयर में सेब की फसल प्रभावित हुई है। जिले 3758 बागवान इससे प्रभावित हुए हैं।