आपदा के 23 दिन बाद पीड़ितों का दुख-दर्द बांटने आई सांसद एवं अभिनेत्री कंगना रनौत से मिलकर लोगों ने अपना दुखड़ा सुनाया। सोलंगनाला से मनाली तक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के साथ उन्होंने पीड़ितों से बात भी की। सोलंग में भूस्खलन से मकान ढहने के बाद भी फौरी राहत नहीं मिलने का मामला उठाया गया। पीड़ितों ने कहा कि मदद के नाम पर उन्हें सिर्फ तिरपाल मिली है। इस पर सांसद तल्ख हो गईं। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी को फौरी राहत देने के आदेश दिए।
कंगना वीरवार सुबह करीब 10:30 बजे सबसे पहले सोलंगनाला गांव पहुंचीं। इसके बाद बाहंग, समाहन पहुंचीं। समाहन में वार्ड सदस्य छिमें ने भूस्खलन से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि यहां सारा मलबा लोगों के घरों में पहुंच गया है और पूरा इलाका खाली करवाया है। लोग अपने खर्चे पर मलबा निकाल रहे है। पहाड़ी पर दो-तीन पेड़ गिरने वाले हैं। उन्हें काटने की प्रशासन से गुहार लगाई गई है। लेकिन अभी तक पेड़ नहीं काटे जा रहे। उन्होंने सांसद के समक्ष भूस्खलन रोकने के लिए आरसीसी की दीवार लगाने का मामला उठाया। इस पर कंगना ने सांसद निधि से दीवार लगाने के लिए बजट का प्रावधान करने की बात कही।इसके बाद 11:40 बजे ओल्ड मनाली तथा 12:00 अलेऊ गांव का दौरा कर निरीक्षण किया। अलेउ से 12:30 बजे कंगना अपने घर सिमसा को रवाना हुईं। सिमसा स्थित अपने घर में एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक की और कीरतपुर-मनाली हाईवे को और सुरक्षित बनाने पर मंथन किया। उन्होंने सड़क निर्माण में पर्यावरण को भी ध्यान में रखने की बात कही।
आने में देरी करने पर छिड़ी बहस
कंगना आपदा के 23 दिन बाद पीड़ितों का दर्द जानने पहुंचीं। इसको लेकर सोशल मीडिया में उन पर सवाल किए जा रहे है। सवाल करने वालों में कांग्रेस ही नहीं, बल्कि भाजपा से जुड़े लोग भी उन पर सवाल दाग रहे हैं। भाजपा की एक कार्यकर्ता ने लिखा है कि सांसद एक पीड़ित एक घर निजी निधि से बनाकर दें और अपनी महानता का प्रमाण दें। तब हम सभी उन्हें अपना सांसद मानेंगे।