जिला कांगड़ा में भारी बारिश से तबाही का दौर अभी भी जारी है। वीरवार को पहाड़ी क्षेत्र धर्मशाला और आसपास दोपहर बाद भारी बारिश शुरू हो गई। धर्मशाला में नालियां ब्लॉक होने से पानी सड़कों पर बहने लगा। इससे सड़कें जलमग्न हो गईं और वाहन चालकों के साथ राहगीरों को भी काफी परेशानी हुई। धर्मशाला में दोपहर बाद काफी धुंध छाई रही। इससे वाहन चालकों को दिन में भी लाइटें जलाकर सफर करना पड़ा। पिछले 24 घंटों में जिले में हुई बारी बारिश से 36 घरों और 38 गोशालाओं के अलावा एक दुकान और दो रसोईघरों समेत आटा चक्की को क्षति पहुंची है।
इसके अलावा 35 भेड़-बकरियों और दो भैंसों की भी मौत हो गई है। इससे जिले में 42.92 लाख रुपये का नुकसान राजस्व विभाग की ओर से आंका गया है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से मिली जानकारी के अनुसार उपमंडल नूरपुर के तहत एक कच्चा मकान ढह गया, जबकि दो पक्के, छह कच्चे घरों के अलावा एक दुकान और सात गोशालाओं को क्षति पहुंची है। जवाली के तहत दो कच्चे घरों, एक रसोईघर और एक गोशाला को नुकसान हुआ है। बैजनाथ के तहत मुल्थान निवासी बृज लाल पुत्र लज्जु राम की 35 भेड़-बकरियों के बाढ़ में बहने से मौत हो गई, जिससे उन्हें 4.9 लाख रुपये का नुकसान पहुंचा है। उपमंडल के तहत एक कच्चा मकान जमींदोज हो गया और आठ अन्य पक्के घरों, 13 गोशालाओं, एक दुकान और एक आटा चक्की को क्षति पहुंची है।उपमंडल शाहपुर के तहत एक पक्के घर, धर्मशाला के तहत दो कच्चे घरों और छह गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। उपमंडल देहरा के अंतर्गत दो भैंसों की जहरीला घास खाने से मौत हो गई। इसके अलावा दो कच्चे घर जमींदोज हो गए, जबकि दो अन्य कच्चे घरों और तीन गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। उपमंडल ज्वालामुखी के तहत चार कच्चे मकान ढह गए और तीन अन्य पक्के, दो कच्चे घरों के अलावा आठ गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। विभाग की ओर से सभी प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी जा रही है।