प्राथमिक शिक्षक संघ जिला कांगड़ा के 23 खंडों की कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक वीरवार को हुई। बैठक में जिला कांगड़ा के 23 शिक्षा खंडों के खंड पदाधिकारियों सहित लगभग 46 अध्यापकों ने भाग लिया। बैठक में सरकार से मांग की गई कि प्रदेश के लगभग 25,000 प्राथमिक शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए हाल ही में जारी कलस्टर सिस्टम की अधिसूचनाओं पर पुनर्विचार किया जाए।
इसके तहत प्राथमिक शिक्षकों के हितों के साथ छेड़छाड़ न की जाए, क्योंकि इस व्यवस्था के संचालन से प्राथमिक शिक्षा का ढांचा अस्त-व्यस्त हो जाएगा। इसका बच्चों और अभिभावकों पर नकारात्मक असर हो सकता है। इस व्यवस्था के चलते प्राथमिक शिक्षकों का पदोन्नति चैनल भी प्रभावित हो जाएगा। पहले भी स्कूलों को मर्ज करते समय सैकड़ों एचटी एवं सीएचटी के पद समाप्त हो गए हैं। बैठक में इस बात को लेकर के रोष व्यक्त किया गया कि सात जून 2025 को समाप्त धरने के समय में शिक्षा मंत्री के आश्वासन पर ही 43 दिन बाद सरकार के साथ विभिन्न विषयों पर सहमति बनी थी, लेकिन उस मीटिंग का न तो कोई प्रपत्र आज तक जारी नहीं हुआ है और न ही प्राथमिक शिक्षकों की किसी मांग को आज तक माना गया है, जो कि हमारे प्राथमिक शिक्षकों के साथ कुठाराघात है। बैठक में टीईटी की अनिवार्यता से संबंधित मुद्दा भी उठाया गया। इस पर सभी सदस्यों ने इस फैसले की सर्वोच्च न्यायालय से पुनर्विचार की अपील की।
संघ का मानना है कि कुछ अधिकारी सरकार और मुख्यमंत्री को न्यू एजुकेशन पॉलिसी के नियमों का हवाला देते हुए गुमराह कर रहे हैं और न्यू एजुकेशन पॉलिसी में क्लस्टर सिस्टम को पूरी तरह मान्यता नहीं दी गई है।
बैठक में प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य महासचिव संजय, पूर्व जिला अध्यक्ष कांगड़ा अनिल भाटिया, जिला अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, महासचिव दिनेश राणा, वरिष्ठ उपप्रधान अजीव शर्मा और जिला कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारी व 23 शिक्षा खंडों के समस्त प्रधान, महासचिव व कोषाधिकारी उपस्थित रहे