
जैसे ही आज सुबह रोशनी फैली, कल देर रात हुए विनाश के भयावह दृश्य धर्मपुर के बस अड्डे और मुख्य बाज़ार से सामने आने लगे। लगभग 70 दुकानें, एचआरटीसी की 20 बसें, वर्कशॉप, पेट्रोल पंप, जल शक्ति विभाग उपमंडल कार्यालय, डीएसपी कार्यालय, 33 केवी विद्युत ढांचा, वन नर्सरी, लक्ष्मण ब्रिज (फुटब्रिज), शीतला माता मंदिर, कांग्रेस पार्टी कार्यालय, भाजपा कार्यालय, सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल तथा विजय मेमोरियल स्कूल (साईं फ़ाउंडेशन के अंतर्गत) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। नुकसान का विस्तृत आकलन अधिकारीगण निरंतर कर रहे हैं। दो लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी तत्परता से जारी है।







मेरी स्थानीय प्रशासन की पूरी टीम — एसडीएम, एसएचओ धर्मपुर तथा अन्य पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी — मेरे कड़े निर्देशन में प्रातः 3:30 बजे से लगातार मौके पर डटी हुई है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मैं स्वयं प्रातः लगभग 3 बजे से निरंतर संपर्क में हूँ और जिला प्रशासन के साथ लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहा हूँ।
श्रीमती कविता शेखर जी ने भी धर्मपुर बाज़ार पहुँचकर आपदा-पीड़ित लोगों का दुःख साझा किया और स्थिति का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया।
मैं भली-भांति समझता हूँ कि यह परिस्थिति पिछले कई महीनों से अत्यंत भयावह बनी हुई है। फिर भी, मैं अपनी धर्मपुर क्षेत्र की समस्त जनता को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि मैं आपके साथ खड़ा हूँ। हम सब मिलकर इस कठिनाई से अवश्य उबरेंगे।