Home बड़ी खबरेnews बाढ़ के बाद बीमारियां: पठानकोट में बीएसएसफ जवान लेप्टोस्पायरोसिस से पीड़ित, स्वास्थ्य विभाग का सर्वे शुरू

बाढ़ के बाद बीमारियां: पठानकोट में बीएसएसफ जवान लेप्टोस्पायरोसिस से पीड़ित, स्वास्थ्य विभाग का सर्वे शुरू

Diseases after flood: BSF jawan suffering from leptospirosis in Pathankot, health department begins survey

by punjab himachal darpan

लेप्टोस्पायरोसिस मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों से मनुष्यों को हो सकता है। यह संक्रमित पशुओं के मूत्र से दूषित पानी, मिट्टी या भोजन के संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता है। भारी बारिश या बाढ़ के बाद लेप्टोस्पायरोसिस का प्रकोप बढ़ सकता है।पंजाब में लेप्टोस्पायरोसिस के एक संक्रमण मामले ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ प्रभावित जिलों में ऐसे अन्य केसों का पता लगाने के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। खासकर पठानकोट में उन मरीजों की टेस्टिंग बढ़ा दी गई है जिनमें बीमारी के लक्षण सामने आ रहे हैं।लेप्टोस्पायरोसिस मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों से मनुष्यों को हो सकता है। यह संक्रमित पशुओं के मूत्र से दूषित पानी, मिट्टी या भोजन के संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता है। भारी बारिश या बाढ़ के बाद लेप्टोस्पायरोसिस का प्रकोप बढ़ सकता है।

पठानकोट में एक बीएसएफ जवान के इस बीमारी से संक्रमित होने का मामला सामने आया है जिसके बाद ही स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है। विभाग के अनुसार बाढ़ प्रभावित एरिया में उन सभी मरीजों के टेस्ट किए जा रहे हैं, जिनमें इस बीमारी के लक्षण पाए जा रहे हैं।

अमृतसर में सुअर फार्म मालिक खुद ही सुअरों को मारने के लिए है मजबूर

अमृतसर के गांव धारीवाल कलेर में इन दिनों सुअरों में स्वाइन फीवर फैल चुका है। जिस कारण सुअर मर रहे हैं। अब सुअर फार्मा मालिक खुद ही सुअरों को मारने के लिए मजबूर है। फीवर प्रभावित सुअर जीवित रहा तो उससे अन्य सुअरों को भी स्वाइर फीवर होने की प्रबल संभावना है। प्रशासन की ओर से आसपास के गांवों में भी सर्वे किया जा रहा है।

 

 

धालीवाल कलेर में सुअरों की खरीद व बिक्री के लिए मंडी है। स्वाइन फीवर सिर्फ सुअरों को प्रभावित करता है। यह वायरस जनित बीमास्री है, जो संक्रामक होती है। इससे मनुष्यों को कोई खतरा नहीं है। लेकिन सुअरों के लिए यह जानलेवा है। प्रशासन ने सुअरों के खरीद व बेच पर पाबंदी लगा दी है। अगले आदेशों पर इन के मांस की खरीद-बेच पर भी जिले में पाबंदी रहेगी।

पशुपालन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा

पशु चिकित्सक डॉ. अश्वनी कुमार ने बताया कि यह बीमारी केवल सुअरों को प्रभावित करती है। यह वायरस लाइलाज है और यदि एक बार फार्म में फैल जाए तो पूरे क्षेत्र में तेजी से फैल सकता है। इस से सुअर मरने लग जाते है। इस लिए अब विभाग के निर्देशों पर सुअर फार्मा हाउस के मालिकों की ओर से खुद ही बीमार सुअरों का मारना शुरू कर दिया है और इस के बाद इन को गहरा गड्ढा खोद कर दफना दिया जाता है।

You may also like