मिनी सचिवालय जोगिंदर नगर के सभागार में जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में चौंतड़ा खंड स्थित जोगिंदर नगर की 120 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सुपरवाइजरों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी एन.आर. ठाकुर, बाल विकास परियोजना अधिकारी बालम राम, संरक्षण अधिकारी शैलजा अवस्थी और विधिक एवं प्रोबेशन अधिकारी रमा कुमारी बतौर संसाधन व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर एन.आर. ठाकुर ने कहा कि सरकार की मिशन वात्सलय, मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना और इंदिरा गांधी सुख-शिक्षा योजना जैसी योजनाएँ अनाथ, अर्ध-अनाथ और असहाय बच्चों के लिए संजीवनी सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सुखाश्रय योजना ने चिल्ड्रन ऑफ स्टेट को नई उड़ान दी है, वहीं मिशन वात्सलय ने असहाय बच्चों के जीवन में गुणवत्तापूर्ण भविष्य की उम्मीद जगाई है।
ठाकुर ने जोर देकर कहा कि प्रत्येक पात्र बच्चे तक योजनाओं का लाभ पहुँचाना ही विभाग की प्राथमिकता है और इसके लिए कर्मचारियों को समर्पित प्रयास करने होंगे।बाल विकास परियोजना अधिकारी बालम राम ने प्रतिभागियों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, देई योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और कार्यकर्ताओं से पात्र परिवारों व बच्चों को अधिक से अधिक योजनाओं से जोड़ने का आह्वान किया।
संरक्षण अधिकारी शैलजा अवस्थी ने बाल विवाह के दुष्परिणाम, स्पॉन्सरशिप योजना, आफ्टर केयर योजना और दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी। वहीं विधिक एवं प्रोबेशन अधिकारी रमा कुमारी ने प्रतिभागियों को बाल यौन उत्पीड़न, पॉक्सो अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत करवाया।
शिविर के दौरान प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान किया गया तथा बच्चों से संबंधित योजनाओं पर आधारित प्रचार-प्रसार सामग्री भी वितरित की गई।