हिमाचल प्रदेश में परिवहन सेवाओं को वर्षों तक मजबूती देने वाले पथ परिवहन निगम के पेंशनर्स आज अपनी ही पेंशन और वित्तीय लाभों के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। सरकार द्वारा उनकी लंबित मांगों पर ध्यान न देने से उनका गुस्सा अब उबाल पर पहुंच गया है। उम्रदराज हो चुके इन सेवानिवृत कर्मचारियों का कहना है कि उनकी पेंशन और वित्तीय लाभों के अभाव में दवाइयों से लेकर रोजमर्रा की आवश्यकताओं को पूरा करना तक मुश्किल हो गया है। ऐसे हालात में अब उन्होंने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है। वीरवार को जिला मुख्यालय के पुराना बस अड्डा परिसर में हिमाचल पथ परिवहन निगम सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन और कल्याण मंच ने संयुक्त संघर्ष समिति का गठन करते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार हल्ला बोलने की रणनीति बनाई। समिति ने साफ चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों का जल्द समाधान न हुआ तो प्रदेशभर से पेंशनर्स शिमला कूच कर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे।
बैठक की अध्यक्षता संगठन से जिलाध्यक्ष किशोरीलाल और मंच से जिलाध्यक्ष रमेश शर्मा ने की। बैठक में दोनों संगठनों के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में सेवानिवृत कर्मचारी उपस्थित रहे। बैठक में संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया और सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया गया। समिति ने आरोप लगाया कि निगम से सेवानिवृत हुए कई पूर्व कर्मचारियों को पिछले 9 सालों से वित्तीय लाभ नहीं मिल पाए हैं। इतना ही नहीं वर्ष 2024 में सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को अब तक पेंशन तक नहीं लगाई जा सकी है। समिति ने कहा कि इन हालात में बुजुर्ग अवस्था में पहुंचे पेंशनर्स को न दवाइयां मिल रही हैं और न ही घर का खर्च चल पा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा नहीं किया तो संयुक्त संघर्ष समिति प्रदेश के हर जिले से पेंशनर्स को शिमला ले जाकर जोरदार विरोध-प्रदर्शन करेगी और सरकार का जुलूस निकालने से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि आराम करने की उम्र में सरकार उन्हें संघर्ष करने के लिए मजबूर कर रही है। इस बुजुर्ग अवस्था में जहां भी ज्यादा कष्ट नहीं सहन कर सकते उन्हें बार-बार उकसा कर सड़कों पर लाने का काम किया जा रहा है।