Home news मुख्यमंत्री ने वन भूमि पर आपदा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए भाजपा सांसदों से सहयोग का आह्वान किया हम जन सेवा के लिए प्रतिबद्ध, कुछ लोग कर रहे ओच्छी राजनीतिः मुख्यमंत्री राहत शिविरों में ठहरे लोगांे ने प्रबंधों पर संतोष व्यक्त किया

मुख्यमंत्री ने वन भूमि पर आपदा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए भाजपा सांसदों से सहयोग का आह्वान किया हम जन सेवा के लिए प्रतिबद्ध, कुछ लोग कर रहे ओच्छी राजनीतिः मुख्यमंत्री राहत शिविरों में ठहरे लोगांे ने प्रबंधों पर संतोष व्यक्त किया

The Chief Minister called for cooperation from BJP MPs for rehabilitation of disaster victims on forest land. We are committed to public service, some people are doing dirty politics: Chief Minister. People staying in relief camps expressed satisfaction over the arrangements.

by punjab himachal darpan

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को मण्डी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र में आपदा से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से भेंट कर राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने बगस्याड़ में आपदा पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों का भी निरीक्षण किया और वहां उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं की जानकारी ली।

 

 

आपदा प्रभावित लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि मंडी जिला प्रशासन ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से उनके घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वे अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन काफी लोगों के घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं या रहने योग्य नहीं बचे हैं। उन्होंने सरकार से जल्द पुनर्वास की मांग की। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस कठिन घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और उनके पुनर्वास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।उन्होंने कहा कि जिन लोगों की संपत्तियां आपदा में नष्ट हो गई हैं, उन्हें राज्य सरकार द्वारा जहां भी संभव हो सकेगा, भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। हालांकि वन भूमि के आबंटन के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है और इस संबंध में राज्य सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी।

 

मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के सभी भाजपा सांसदों से वन भूमि पर आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार से अनुमति दिलवाने में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कहा कि हिमाचल प्रदेश का 68 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र है और आपदा में जिन लोगों ने अपनी भूमि गंवाई है, उन्हें विशेष अनुमति के माध्यम से वन भूमि पर पुनर्वासित किया जा सकता है। भाजपा सांसदों को इस विषय में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर पीड़ित परिवरों से मिलने पहंुचे हैं और रात को उनके बीच ही रुकेंगे। जान की क्षति की भरपाई किसी मुआवजे से नहीं हो सकती, लेकिन प्रभावितों के घरों, दुकानों, गोशालाओं और मवेशियों को पहंुचे नुकसान के एवज में सरकार हर संभव राहत प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि वह भली-भांति परिचित हैं कि हिमाचल में घर बनाना कितना कठिन होता है, इसलिए राज्य सरकार घरों के पुनर्निर्माण के लिए 7 लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी।

 

 

 

उन्होंने बगस्याड़, थुनाग, थुनाडी, लांबाथाच, जरोल, पांडवशिला, कुथाह और जंजैहली क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों की पीड़ा साझा की व उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी ऐसी तबाही नहीं देखी। वे बस जान बचा पाए, बाकी सब कुछ बाढ़ में बह गया।

मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सराज विधानसभा क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य प्रभावी ढंग से चलाए जा रहे हैं।उन्होंने कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं भी हेलीकॉप्टर के माध्यम से रैन गलू तक राहत सामग्री और राशन पहुंचाया। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी हाल ही में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया।

 

प्रदेश सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर सराज क्षेत्र में अवरुद्ध सड़कों को बहाल कर रही है। लोक निर्माण विभाग की लगभग 50 जेसीबी मशीनें और अन्य भारी मशीनरी सड़क मार्गों के बहाली के कार्यों में लगाई गई हैं। जब तक सड़कें फिर से नहीं खुल जातीं, लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाना एक चुनौती बनी रहेगी।

 

 

 

श्री सुक्खू ने कहा कि सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविरों में पर्याप्त व्यवस्था की है और वह राहत प्रदान करने के प्रयासों से संतुष्ट हैं। उन्होंने राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए मंडी ज़िला प्रशासन की सराहना की। आपदा का राजनीतिकरण करने वाले लोगों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस संवदेनशील घड़ी में भी राजनीति चमकाने में व्यस्त हैं।

 

वहीं, प्रदेश सरकार प्रतिबद्धता से लोगों की सेवा कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 की आपदा के दौरान भी प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से पीड़ितों का सफलतापूर्वक पुनर्वास किया और इस वर्ष भी प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि सराज क्षेत्र की स्थिति के संबंध में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर के साथ वह नियमित संपर्क में हैं। राज्य सरकार के अनुरोध पर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर उपलब्ध करवाए गए हैं जिनका जय राम ठाकुर भी उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है, बल्कि लोगों की यथासंभव मदद करने का समय है।

 

प्रभावित क्षेत्रों में स्थितियां सामान्य करने के लिए स्थानीय अधिकारियों और लोगों के पूर्ण सहयोग से राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। आपदा के कारण अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 27 लोग लापता हैं। मंडी ज़िले में 290 लोगों को सफलतापूर्वक बचाया गया है।

 

आपदा से 1,184 घर, 710 गौशालाएं और 201 दुकानें प्रभावित हुई हैं तथा 780 पशु भी मारे गए हैं। राहत एवं पुनर्वास कार्यों में सहायता के लिए, थुनाग, करसोग और गोहर जैसे गंभीर रूप से प्रभावित उप-मंडलों में 177 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

 

 

 

ज़िला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को 2,657 राशन किट और 3,603 तिरपाल वितरित किए हैं। इसके अतिरिक्त, 17 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 677 लोग ठहरे हैं। परिवारों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए तत्काल वित्तीय सहायता भी दी जा रही है।

इस अवसर पर कांग्रेस नेता चेत राम, जगदीश रेड्डी, हि.प्र निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के सदस्य विजय पाल सिंह, एपीएमसी अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, जीवन ठाकुर, नरेश चौहान और उपायुक्त अपूर्व देवगन, एसपी साक्षी वर्मा भी उपस्थित थे।

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