Home news ससुर से नहीं देखा गया अपनी वि’धवा बहु का दुख खुद पिता बनकर कराया बहु का दूसरा विवाह अपने हाथों से किया बहु का कन्यादान

ससुर से नहीं देखा गया अपनी वि’धवा बहु का दुख खुद पिता बनकर कराया बहु का दूसरा विवाह अपने हाथों से किया बहु का कन्यादान

The father-in-law could not see the misery of his widowed daughter-in-law. He himself became the father and got his daughter-in-law married for the second time and gave her away in marriage with his own hands.

by punjab himachal darpan

ससुर से नहीं देखा गया अपनी वि’धवा बहु का दुख खुद पिता बनकर कराया बहु का दूसरा विवाह अपने हाथों से किया बहु का कन्यादान

 

आज से एक साल पहले प्रवीण सिंह राणा ने अपने बेटे सिद्धराज को दिल का दौरा पड़ने के कारण खो दिया था। ओर उनकी बहु एक ही रात में वि’धवा हो गई तब उनकी पोती छह महीने की थी। जैसे तैसे उन्होंने अपने बेटे के दुख को तो बर्दास्त कर दिया लेकिन उनसे अपनी बहु का दुख नहीं देखा गया। और उन्होंने अपनी बहु की दोबारा शादी करवाई, वो भी अपने बेटे के सबसे करीबी दोस्त से। ताकि उनकी बहु और पोती को नई जिंदगी मिल सके।

 

जब बहु की विदाई हुई तो ससुर एक पिता की तरह रोए और अपनी बहु को बेटी की तरह विदा किया।

 

धन्य हैं ऐसे सास ससुर जिन्होंने अपनी वि’धवा बहु को नई जिंदगी दी और मां बाप बन उसका दूसरा विवाह किया। अब ससुराल ही बहु के लिए मायका बन गया

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