Home news भारी बारिश और सड़क मार्ग बंद होने जैसी विपरित परिस्थियों में करसोग उपमंडल प्रशासन ने सामूहिक प्रयासों से गर्भवती महिला मरीज का जीवन बचाया गर्भवती महिला मरीज को हो रही थी खून की उल्टियां

भारी बारिश और सड़क मार्ग बंद होने जैसी विपरित परिस्थियों में करसोग उपमंडल प्रशासन ने सामूहिक प्रयासों से गर्भवती महिला मरीज का जीवन बचाया गर्भवती महिला मरीज को हो रही थी खून की उल्टियां

In adverse conditions like heavy rain and road closure, Karsog subdivision administration saved the life of a pregnant female patient through collective efforts. The pregnant female patient was vomiting blood.

by punjab himachal darpan

 

 

 

 

मनोज कुमार मनकोटिया फतेहपुर:-भारी बारिश और सड़क मार्ग बंद होने से उत्पन्न विपरित परिस्थितियों में करसोग उपमंडल प्रशासन ने, थुनाग उपमंडल के छतरी गांव की 9 माह की गर्भवती महिला मरीज को सहायता उपलब्ध करवा, उसके जीवन को बचाया है।

प्राप्त जानकारी अनुसार अभिलाषा आयु 21 वर्ष पत्नी भूप सिंह, गांव नगलाई, डाकघर ब्रयोगी, उप तहसील छतरी, जो कि 9 माह की गर्भवती है की बुधवार देर सायं अचानक तबीयत खराब हो गई। पहली प्रैगनेंसी होने के कारण परिजन भी घबरा गए। परिजनों ने महिला मरीज को घर से लगभग डेढ़ किमी तक पैदल सफर कर, जैसे तैसे सड़क मार्ग तक पहुंचाया। वहां से गाड़ी के माध्यम से करसोग अस्पताल का सफर शुरू किया, लेकिन रास्ते में खंडारगली नामक स्थान पर सड़क मार्ग पर भूस्खलन होने से सड़क मार्ग बंद हो गया। गर्भवती महिला मरीज को लगातार खून की उल्टी हो रही थी। गंभीर स्थिति में परिजनों ने रात के लगभग 9 बजे एसडीएम करसोग को फोन पर पूरे मामले की सूचना दी।

एसडीएम करसोग गौरव महाजन ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही तुंरत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए बीएमओ करसोग और एक्सईएन लोनिवि को इस संबंध में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश जारी कर, राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया।

बीएमओ करसोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, जहां यह मरीज सड़क मार्ग बंद होने के कारण फंसी हुई थी, वहां की स्थानीय आशा वर्कर को मौके पर भेज प्राथमिक उपचार देना सुनिश्चित किया। आपातकालीन स्थिति को देखते हुए करसोग अस्पताल से मौके पर एंबुलेंस सहित स्वास्थ्य टीम भेजी गई। लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी मशीन भेज कर सड़क मार्ग को बहाल करने में अपनी भूमिका सुनिश्चित की और कड़ी मशक्त के बाद रात के लगभग 12 बजे सड़क मार्ग को पैदल चलने योग्य बनाया गया।

बीएमओ स्वयं महिला मरीज के परिजनों के संपर्क में रहेे और स्वास्थ्य विभाग की स्थानीय टीम को दिशा निर्देश देते रहे, जब तक सड़क मार्ग चलने योग्य नहीं हुआ, तब तक महिला मरीज को स्थानीय गांव के एक घर में रखा गया और उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। सड़क मार्ग के बहाल होतेे ही गर्भवती महिला मरीज को एंबुलेंस के माध्यम से करसोग अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर एमरजेंसी में पहले ही सभी तैयारियां की हुई थी। अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा गर्भवती महिला मरीज को उपचार प्रदान कर स्टेवल किया गया। वीरवार सुबह महिला मरीज को शिमला रैफर किया गया।

एसडीएम करसोग गौरव महाजन ने बताया कि गर्भवती महिला मरीज अब पूरी तरह से ठीक है और स्वास्थ्य लाभ ले रही है। उन्होंने बताया कि बीएमओ करसोग डाॅ गोपाल चैहान और लोक निर्माण विभाग ने महिला मरीज को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

You may also like