मनोज कुमार मनकोटिया फतेहपुर:-हिमाचल प्रदेश में इस साल का मानसून भारी तबाही लेकर आया।
राजस्व विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 20 जून से 3 सितम्बर तक प्रदेश में 343 लोगों की मौत हुई, 398 लोग घायल हुए और 43 लोग लापता हैं।
आपदाओं के कारण 27 हजार से ज्यादा पशु और 25 हजार पोल्ट्री पक्षी मारे गए।
इसी दौरान प्रदेश में 409 मकान पूरी तरह और 566 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। साथ ही 1128 दुकानें और फैक्ट्रियां, 2725 झोपड़ियां व 491 गौशालाएं भी प्रभावित हुईं।
कृषि और बागवानी को भारी नुकसान झेलना पड़ा। फसलों से जुड़ी हानि का कुल आंकड़ा 3 लाख 69 हजार लाख रुपये से अधिक आँका गया है।
सिर्फ लोक निर्माण विभाग को ही 11 हजार 452 लाख रुपये की क्षति हुई, जबकि जल शक्ति, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा समेत अन्य विभागों को भी करोड़ों का नुकसान दर्ज किया गया।
सबसे ज्यादा जनहानि मंडी जिले में हुई, जहाँ 51 लोगों की मौत और 1231 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
कांगड़ा जिले में 50, चंबा में 42 और शिमला में 36 मौतें दर्ज की गईं।
रिपोर्ट बताती है कि 183 मौतें भूस्खलन, बादल फटने और डूबने जैसी आपदाओं से हुईं, जबकि 160 लोगों की जान सड़क हादसों में गई।
कुल मिलाकर, 2025 का मानसून हिमाचल प्रदेश के लिए बेहद विनाशकारी साबित हुआ।