भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत 3 सितंबर 2025 को रखा जाएगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए श्री सिद्धशक्तिपीठ बावा लाल दयाल जी मंदिर गोसाईपुर धाम के संचालक एवं प्रसिद्ध ज्योतिषी राजपुरोहित पंडित रमेश शास्त्री जी महाराज ने बताया कि यह एकादशी परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जानी जाती है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में करवट बदलते हैं, जिससे इस एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है।
*परिवर्तिनी एकादशी की तिथि और समय:*
– *एकादशी तिथि आरंभ: -* 3 सितंबर 2025 को प्रात: 03:53 बजे
– *एकादशी तिथि समाप्त:-* 4 सितंबर 2025 को प्रात: 04:21 बजे
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– *व्रत पारण का समय:*- 4 सितंबर को सुबह 6:36 बजे से शाम 9:07 बजे के बीच
*परिवर्तिनी एकादशी का महत्व:*
– इस एकादशी का व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
– भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
– इस दिन दान-पुण्य और मंत्र जाप करने से कार्यों में सफलता मिलती है।
*परिवर्तिनी एकादशी की पूजा विधि:*
– सुबह स्नान करके भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसीदल और पीले वस्त्र अर्पित करें।
– तुलसी माता को जल चढ़ाकर दीपक जलाएं।
– विष्णु सहस्रनाम या मंत्र जाप करें।
– दान-पुण्य करें और सात्त्विक भोजन करें ।