Vivek sharma: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा में न केवल इंसानों के घर उजाड़े बल्कि देवभूमि के देवी देवताओं के हृदय को भी ठेस पहुंचाई है मंडी जनपद की नैना उग्रतारा माता ने बीते दिन हुए जग होम देव वाणी के जरिए जो संदेश दिया उसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है देव बनी में माता ने साफ शब्दों में कहा धरती पर इंसान के पाप बढ़ रहे हैं जंगल उजड़े जा रहे हैं बेजुबान पशुओं को बेसहारा छोड़ जा रहा है देव नियमों का उल्लंघन हो रहा है अब पृथ्वी इंसानी पापों के भोज से चीख रही है और प्रकृति खुद चेतावनी दे रही है जागरण के दौरान परंपरा के मुताबिक देव गुरु अग्नि पर नंगे पांव चलकर अग्नि परीक्षा दे रहे थे तभी नैना उग्रतारा माता ने कहा कि जो आपदा हिमाचल में आई है वह इंसानों के कर्मों का ही नतीजा है माता की आंखों में आए आंसू बता रहे थे कि अब देवी देवता भी इंसानी करतूत से नाराज हैं देवभूमि की परंपरा से छेड़छाड़ हिमाचल प्रदेश को देव भूमि कहा जाता है क्योंकि यहां सदियों से देवी देवताओं की परंपराएं देव संस्कृतियों और प्राकृतिक अवस्थाएं जीवित रही हैं लोग आज भी गांव-गांव में देवताओं की मौजूदगी और उनके आदेशों को मानते हैं लेकिन हाल के वर्षों में जिस तरह जंगल काटे जा रहे हैं नदियों को गंदा किया जा रहा है और परंपराओं से खिलवाड़ हो रहा है वह देवभूमि की आत्मा को चोट पहुंचा रहा है माता का कड़ा संदेश यह था कि इंसान अभी नहीं सुधरा तो आने वाला वक्त और भी कठिन हो सकता है आपदा सिर्फ प्राकृतिक नहीं है यह चेतावनी है कि इंसान अपनी सीमाएं ना लगे लोगों में फैली चर्चा जागरण के बाद से ही यह संदेश पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है लोग कह रहे हैं कि शायद अब इंसान को सच में प्रकृति और परंपराओं के प्रति आदर और जिम्मेदारी का भाव अपनाना पड़ेगा वरना देवभूमि के आशीर्वाद के बिना क्रॉप बढ़ सकता है