Manoj kumar mankotia: मण्डी और कुल्लू ज़िले की सीमा पर स्थित राहला पंचायत में पावर ग्रिड के दो बड़े ट्रांसमिशन टावर – टावर नंबर 35 और टावर नंबर 36 – एक साथ गिर गए हैं और इनकी चपेट में तीन घर और एक गौशाला आ गई 🥹इन टावरों से लाखों वोल्ट की एक्स्ट्रा हाई टेंशन (EHT) बिजली की सप्लाई होती है, जो न केवल पूरे हिमाचल प्रदेश बल्कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर जैसे पड़ोसी राज्यों तक भी भेजी जाती है।इस घटना के कारण पूरी राहला पंचायत और पूरी घाटी के लोग गंभीर ख़तरे में आ गए हैं।मंडी का बनाला पावर ग्रिड क्या है?मंडी ज़िले का बनाला पावर ग्रिड (Banala Power Grid Sub-Station) एक बड़ा बिजली वितरण केन्द्र है। यहाँ से हाई वोल्टेज बिजली का संचार (Transmission) पूरे नॉर्थ इंडिया तक होता है।🔌 बिजली सप्लाई की प्रक्रियाबिजली उत्पादन – पहले पावर स्टेशन (जैसे कोल्डैम, नाथपा-झाकरी, लुरी, परवती हाइड्रो प्रोजेक्ट) से बहुत हाई वोल्टेज पर बिजली बनती है।बनाला ग्रिड तक ट्रांसमिशन – यह बिजली ट्रांसमिशन टावरों के ज़रिए बनाला ग्रिड तक पहुँचती है।वोल्टेज कम करना (Step Down) – बनाला ग्रिड से आगे अलग-अलग ग्रिड स्टेशनों को बिजली भेजी जाती है, जहाँ वोल्टेज को घटाया जाता है।घरों और उद्योगों तक आपूर्ति – छोटे सबस्टेशनों से वोल्टेज घटाकर यह बिजली हमारे घरों, दुकानों और उद्योगों तक 11 केवी और 440 वोल्ट पर पहुँचाई जाती है।👉 यानी बनाला ग्रिड से निकली बिजली सिर्फ मंडी ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत की पावर सप्लाई चेन का अहम हिस्सा है।⚠️ अगर टावर नंबर 35 और 36 गिर गए हैं तो इसका असर सिर्फ राहला पंचायत तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र की बिजली सप्लाई पर पड़ सकता है, क्योंकि ये लाइनें बहुत हाई कैपेसिटी (लाखों वोल्ट) की ट्रांसमिशन लाइन्स हैं।
कुल्लू ज़िले की सीमा पर स्थित राहला पंचायत में पावर ग्रिड के दो बड़े ट्रांसमिशन टावर – टावर नंबर 35 और टावर नंबर 36 – एक साथ गिर गए हैं
Two big transmission towers of Power Grid – Tower No. 35 and Tower No. 36 – have collapsed simultaneously in Rahla Panchayat, located on the border of Kullu district.
previous post