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मणिमहेश यात्रा पर गए पठानकोट के दो श्रद्धालुओं की हुई मौत

Two devotees from Pathankot who went on Mani Mahesh Yatra died

by punjab himachal darpan

MANOJ KUMAR MANKOTIA: मणिमहेश यात्रा पर गए पठानकोट के दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। दोनों श्रद्धालुओं के शवों को भरमौर लाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पठानकोट के जिला सुजानपुर के 18 वर्षीय अमन को कल रात रेस्क्यू किया गया था और गौरीकुंड में उसने दम तोड़ दिया। ऑक्सीजन की कमी के कारण इस श्रद्धालु की मौत हुई है। वहीं दूसरे श्रद्धालु की मौत कुगती ट्रैक पर हुई है। उसके शव को माउंट ट्रेनिंग व एनडीआरएफ की टीम द्वारा भरमौर लाया जा रहा है। मृतक का नाम 18 वर्षीय रोहित है और वह भी पठानकोट का ही रहने वाला है जिसकी ठंड की वजह से मौत हुई है। इसके अलावा एक और अन्य व्यक्ति की मौत हुई है जिसका नाम अनमोल है जो गुरदासपुर का निवासी बताया गया है। इसकी मौत भी ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है। घटना की पुष्टि एडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने की है।

 

उन्होंने कहा कि पिछले कल से ही मणिमहेश यात्रा पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी गई है। श्रद्धालुओं को सुरक्षा की दृष्टि के मध्यनजर सुरक्षित स्थानों पर ही रुकने के लिए कह दिया गया है। जानकारी के अनुसार, पठानकोट भरमौर नेशनल हाईवे कलसूंई जांगी और दुर्गेठी में बंद है जिसके कारण वाहनों की आवाजाही भी पूरी तरह से ठप है।

 

मणिमहेश जाने वाले सभी श्रद्धालुओं से सुरक्षित स्थानों पर रुकने की अपील प्रशासन द्वारा की गई है। जब तक मौसम में सुधार नहीं होता है यात्रा पर अस्थाई तौर से रोक रहेगी। पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के कारण यहां जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। जगह-जगह लैंडस्लाइड होने के चलते रास्ते बंद हो गए हैं। कई जगह यात्री बीच रास्ते में ही फंसे हुए हैं, जिन्हें वही रुकने की अपील की जा रही है।

 

इसके अलावा चंबा से लेकर हड़सर तक विभिन्न स्थानों पर भारी बारिश के चलते फंसे श्रद्धालुओं के लिए भरमौर के कई लोग मदद के लिए आगे आए हैं, उन्होंने यात्रियों को अपने घरों में आश्रय देने का आग्रह किया है। इनमें भरमौर के लहाल निवासी काकू, रेहला थोबू निवासी रिशु रिहाल, दिनका निवासी राज सिंह, ढकोग़ निवासी अनिल कुमार, डंडारड़ा निवासी ममता ठाकुर, खनी निवासी गणेश शर्मा आदि स्थानीय स्वयंसेवियों ने भी यात्रियों से आग्रह किया है कि वे बेझिझक उनके घरों में आ जाएं।

 

उन्हें खाने, पीने, सोने आदि की सभी सुविधाएं निशुल्क दी जाएंगी। उन्होंने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे मौसम को देखकर अनावश्यक अपनी जान को जोखिम में न डाले तथा जहां जहां वे फंसे या रुके हुए हैं, वहीं नजदीकतम घरों में आश्रय के लिए जाएं, बेशक वे मणिमहेश जा रहे हों या बापिस अपने घर जा रहे है। मौसम साफ होने के बाद ही आगे की यात्रा करें।

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